वीरभद्र मामला: एलआईसी एजेंट की हिरासत अवधि बढ़ी
धनशोधन के एक मामले में वीरभद्र सिंह की संलिप्तता को लेकर दायर आरोप पत्र के सिलसिले में अदालत ने एलआईसी एजेंट आनंद चौहान की न्यायिक हिरासत की अवधि दो फरवरी तक बढ़ा दी।
धनशोधन के एक मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की संलिप्तता को लेकर दायर आरोप पत्र के सिलसिले में एक विशेष अदालत ने एलआईसी एजेंट आनंद चौहान की न्यायिक हिरासत की अवधि आज दो फरवरी तक बढ़ा दी। चौहान को तिहाड़ जेल से अदालत में पेश किये जाने के बाद विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार ने यह आदेश जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोप पत्र के साथ सभी दस्तावेज दायर किये जाने के बाद अदालत ने दस्तावेजों की आगे जांच को लेकर भी दो फरवरी की तिथि निर्धारित की है। आरोपी ने आरोप पत्र मुहैया कराने की मांग की है।
अदालत ने पिछले साल सात सितंबर को चौहान के खिलाफ दायर आरोप पत्र को ध्यान में रखा और निदेशालय को उसे अंतिम रिपोर्ट की एक प्रति और अन्य दस्तावेज मुहैया कराने का निर्देश दिया। यह आरोप पत्र धन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा तीन (धन शोधन) और चार (अपराध के लिए सजा) के अंतर्गत दाखिल किया गया है। पीएमएलए के प्रावधानों के तहत चौहान को पिछले साल नौ जुलाई को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। उस पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप है।
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