वानी की मौजूदगी के बारे में नहीं जानते थे सुरक्षा बलः महबूबा

[email protected] । Jul 29 2016 10:35AM

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि सुरक्षा बलों को यह नहीं पता था कि आठ जुलाई को जहां मुठभेड़ हुई, वहां हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी भी मौजूद था।

श्रीनगर। घाटी में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुरक्षा बलों को यह नहीं पता था कि आठ जुलाई को जहां मुठभेड़ हुई, वहां हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी भी मौजूद था। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर सुरक्षा बलों को वानी की मौजूदगी के बारे में पता होता तो स्थिति से और बेहतर ढंग से निपटा जाता।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि यदि सुरक्षा बलों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में स्थित मकान के भीतर बुरहान की मौजूदगी के बारे में पता होता, तो हालात को ऐसा होने से रोकना संभव होता ‘‘जैसे हालात आज हो गए हैं।’’ उनका यह बयान नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष नासिर वानी के उस बयान के तत्काल बाद आया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इस पूरे अभियान के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी थी और उन्होंने आठ जुलाई को 22 साल के बुरहान को मारने वाले इस अभियान का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया। महबूबा ने सवाल किया, ‘‘कोई हर मुठभेड़ के बारे में कैसे जान सकता है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मुझे पता है, जैसा कि मैंने पुलिस और थलसेना से सुना, कि उन्हें सिर्फ इतना पता था कि घर के भीतर तीन आतंकवादी मौजूद हैं, लेकिन यह नहीं पता था कि वे कौन हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यदि उन्हें पता होता, तो हमारे सामने ऐसी स्थिति नहीं होती..जब राज्य में कुल मिलाकर हालात बेहतर हो रहे थे।’’ महबूबा ने कहा कि पुलिस और खुफिया एजेंसियां कह रही हैं कि उन्हें नहीं पता था कि बुरहान वहां मौजूद था।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सरकार को हालात पर काबू पाने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं मिला, जैसा कि उस वक्त मिला था जब 2013 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘जब अफजल गुरु को फांसी दी गई, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर जानते थे, इसलिए उन्होंने पहले ही सारे इंतजाम कर रखे थे। हमें तो कुछ पता ही नहीं था और हमें अचानक पता चला। लेकिन इसके बाद भी हमने कफ्र्यू लगाने की कोशिश की ताकि बच्चे बाहर न आएं।’’ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसएम सहाय ने अभियान के बाद संवाददाताओं से कहा था कि इस अभियान के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी थी। सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ में बुरहान की मौत के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा में अब तक 47 लोग मारे जा चुके हैं। करीब 3,000 सुरक्षाकर्मियों सहित 5,500 लोग घायल भी हुए हैं।

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