वाटर टैंकर घोटाला: एसीबी ने शीला को भेजा नोटिस
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने 400 करोड़ रूपये के कथित वाटर टैंकर घोटाला मामले में शीला दीक्षित को नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने को कहा है।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने 400 करोड़ रूपये के कथित वाटर टैंकर घोटाला मामले में शीला दीक्षित को नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने को कहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपों को ‘‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’’ करार दिया है। पुलिस के विशेष आयोग एवं एसीबी प्रमुख एमके मीणा ने आज कहा, ‘‘शीला दीक्षित और दिल्ली जल बोर्ड के कुछ अधिकारियों को नोटिस भेजे गए हैं। उनसे 26 जुलाई को पूछताछ की जाएगी।’’
संवाददाताओं के यह पूछने पर कि यदि शीला नोटिस के बावजूद एसीबी के समक्ष पेश नहीं होती हैं तो क्या होगा, मीणा ने कहा, ‘‘हम इस संबंध में कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकते। हम कानून के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं।’’ सीआरपीसी की धारा 160 के प्रावधानों के तहत नोटिस बुधवार को भेजे गए। शीला ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने विगत में कहा है कि यह राजनीति से प्रेरित चीज है।’’ एसीबी ने कथित घोटाले को शीला से जोड़ते हुए 20 जून को मामला दर्ज किया था। कथित घोटाले के संबंध में एसीबी को दो शिकायतें मिली थीं और शिकायतों में शीला और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का भी नाम था। मीणा ने तब कहा था कि शीला और केजरीवाल दोनों से मामले में पूछताछ की जाएगी।
मामला दर्ज होने से एक हफ्ते पहले दिल्ली सरकार ने घोटाले के संबंध में तथ्यान्वेषण समिति की रिपोर्ट उपराज्यपाल नजीब जंग को भेजी थी। दिल्ली भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता ने जंग के समक्ष शिकायत दायर की थी और केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने समिति की रिपोर्ट को 11 महीने तक ‘‘दबाकर’’ रखा। उपराज्यपाल ने समिति की रिपोर्ट और गुप्ता की शिकायत को एसीबी के पास भेज दिया था।
दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जंग को पत्र लिखा था तथा कथित घोटाले के संबंध में शीला के खिलाफ या तो सीबीआई या एसीबी से जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। मिश्रा ने उल्लेख किया था कि समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि शीला के कार्यकाल में दिल्ली जल बोर्ड की गड़बड़ियों से सरकारी खजाने को करीब 400 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ।
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