गोवा, मणिपुर के मुद्दे पर कांग्रेस का लोकसभा से वाकआउट
कांग्रेस ने खुद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद गोवा राज्यपाल द्वारा राज्य में भाजपा नीत गठबंधन को सरकार बनाने के लिए पहले ही आमंत्रित करने का मुद्दा आज लोकसभा में उठाया।
कांग्रेस ने खुद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद गोवा के राज्यपाल द्वारा राज्य में भाजपा नीत गठबंधन को सरकार बनाने के लिए पहले ही आमंत्रित करने का मुद्दा आज लोकसभा में उठाया। कांग्रेस ने गोवा, मणिपुर के घटनाक्रम को लोकतंत्र की हत्या बताया। स्पीकर द्वारा प्रश्नकाल में इस मुद्दे पर नहीं बोलने की अनुमति देने पर कांग्रेस, राकांपा, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया। खडगे ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। भाजपा ऐसा कर रही है। हमें अपनी बात रखने दिया जाए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि अभी नहीं। जो कुछ भी कहना है, वे प्रश्नकाल के बाद कहें। अन्नद्रमुक सदस्यों को कुछ कहते देखा गया। हालांकि प्रश्नकाल के बाद मौका दिये जाने के स्पीकर के आश्वासन पर वे शांत हो गए। कांग्रेस सदस्यों के अपनी बात रखने का मौका दिये जाने के आग्रह के बाद जब अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी तो खडगे ने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं और सदन से वाकआउट करते हैं।
इसके बाद कांग्रेस, राकांपा, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। उल्लेखनीय है कि गोवा में कांग्रेस के 17 विधायक हैं जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 13 है। गोवा फारवर्ड पार्टी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं, तीन विधायक निर्दलीय और राकांपा का एक विधायक है। पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर की नियुक्ति को चुनौती भी दी है। मणिपुर में भी कांग्रेस 28 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। मणिपुर में भाजपा 21 सीट जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। दोनों दलों ने मणिपुर में सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
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