हम मध्यप्रदेश में पहली बार सरकारी आतंक के बारे में सुन रहे हैं: राकेश सिंह
सिंह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में राजगढ़ जिले में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को कलेक्टर निधि निवेदिता समेत दो महिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा थप्पड़ मारे जाने की हालिया घटना की भी आलोचना की।
इंदौर। मध्यप्रदेश में माफिया रोधी अभियान की आड़ में भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाये जाने का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह सूबे में पहली बार सरकारी आतंक के बारे में सुन रहे हैं। कमलनाथ सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन के दौरान सिंह ने यहां भाजपा की सभा में कहा, पूरे मध्यप्रदेश के आम लोगों में भय का वातावरण है कि राज्य सरकार उनके मकान-दुकानों को अचानक अवैध बताकर उन्हें तोड़ सकती है।
.@OfficeOfKNath जी आप स्थायी नहीं हो। भय-आतंक का माहौल बनाकर प्रदेश में @BJP4MP कार्यकर्ताओं को कुचलने-दबाने का काम करोगे यह भूल जाओ। क्योंकि यह @BJP4India का कार्यकर्ता है, आखिरी सांस तक भारत माता की जय का नारा बुलंद कर देश के लिए मर मिटने वाला है;यह पीछे नहीं हटेगा।
— Rakesh Singh (@MPRakeshSingh) January 24, 2020
उन्होंने कहा, अब तक माना जाता था कि चोर-लुटेरों और डाकुओं के कारण जन मानस में आतंक निर्मित होता है। हमने सांप्रदायिक आतंक, जातीय आतंक और लाल आतंक के बारे में भी सुना है। लेकिन कमलनाथ सरकार के राज में हम सूबे में पहली बार सरकारी आतंक के बारे में सुन रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि माफिया रोधी अभियान की आड़ में सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने के लिये उनके वैध निर्माणों को अवैध बताकर तोड़ा जा रहा है, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के गैरकानूनी निर्माणों को छोड़ा जा रहा है।
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सिंह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में राजगढ़ जिले में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को कलेक्टर निधि निवेदिता समेत दो महिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा थप्पड़ मारे जाने की हालिया घटना की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, दरअसल, इन अधिकारियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को थप्पड़ मारकर कमलनाथ सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है।
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