हम सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण नहीं चाहते: निर्मला सीतारमण
उन्होंन कहा कि पुलवामा के बाद कार्रवाई की गयी क्योंकि हमने भारत में लोगों से कहते सुना कि क्या इसी सरकार के लिए हमने वोट दिया था? क्या आप कदम उठाने में सक्षम हैं?
बेंगलुरू। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या राजग के कोई भी अन्य नेता सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते तथा फौज को जो ठीक लगे वैसी कार्रवाई करने की आजादी देने वाली राजनीतिक इच्छाशक्ति की बात करने में कुछ भी गलत नहीं है। यहां शिक्षाविदों और युवा विचारकों के साथ एक अनौपचारिक संवाद सत्र में रक्षा मंत्री ने कहा कि विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
Defence Minister Smt Nirmala Sitharaman @nsitharaman addressed housefull audience of Public Intellectuals, Educationists, Students at Siddaganga Institute of Technology, Tumakuru. More than 200 people had to watch Live Video outside, as auditorium was full ! pic.twitter.com/1OoiovRFA6
— Rajesh Padmar (@rajeshpadmar) April 14, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘कोई सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता। ना मैं या प्रधानमंत्री और ना ही सरकार से अन्य कोई। हम सेना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते।’’ सीतारमण ने पूछा कि क्या इस बात की तुलना करना गलत है कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद मनमोहन सिंह सरकार कितनी कमजोर थी और 2019 में जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा में किये गये आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार कितनी मजबूत है।
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उन्होंन कहा कि पुलवामा के बाद कार्रवाई की गयी क्योंकि हमने भारत में लोगों से कहते सुना कि क्या इसी सरकार के लिए हमने वोट दिया था? क्या आप कदम उठाने में सक्षम हैं? रक्षा मंत्री ने लोगों से राजनीतिकरण और राजनीतिक इच्छाशक्ति में अंतर करने को कहा। राफेल सौदे को लेकर सीतारमण ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।
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