हमें लगता है कि झारखंड के लोगों को लॉकडाउन की सजा मिल रही है: हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन

उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन कई राज्य सरकारें कोटा से छात्रों को अपने राज्यों में ले जाने के मामले में इन दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं जिससे हमें लगता है कि झारखंडवासियों को लॉकडाउन की सजा मिल रही है।

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार केन्द्र के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन कर रही है और दूसरे राज्यों में फंसे अपने छात्रों एवं श्रमिकों को चाहकर भी राज्य नहीं ला पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन कई राज्य सरकारें कोटा से छात्रों को अपने राज्यों में ले जाने के मामले में इन दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं जिससे हमें लगता है कि झारखंडवासियों को लॉकडाउन की सजा मिल रही है। सोरेन ने यहां प्रधानमंत्री के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में उन्होंने प्रधानमंत्री को रविवार को ही पत्र भी भेज दिया था जिसे आज मीडिया को भी जारी किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के नियंत्रण हेतु केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों का राज्य सरकार पूरी तरह से पालन कर रही है। सोरेन ने प्रधानमंत्री का दूसरे राज्यों में झारखंड के छात्रों एवं मजदूरों को अपने राज्य में वापस लाने के लिए ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया किया कि झारखंड के पांच हजार से ज्यादा बच्चे कोटा तथा देश के अन्य शहरों में लॉक डाउन के कारण फंसे हुए हैं। 

इसे भी पढ़ें: झारखंड सरकार लॉकडाउन पर पूरी तरह केन्द्र सरकार के साथ: हेमंत सोरेन

उन्होंने कहा, ‘‘ साथ ही लगभग पांच लाख से अधिक राज्य के मजदूर जो अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए थे, आज अपने राज्य वापस आना चाहते हैं। वे सभी बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें वापस लाने का प्रबंध राज्य सरकार करें। लेकिन केन्द्र के दिशानिर्देशों के चलते झारखंड ऐसा नहीं कर पा रहा है जिससे हमें लगता है कि झारखंडवासियों को लॉकडाउन की सजा मिल रही है।’’ मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आ रहे आक्रोश से विशेष रूप से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि प्रधानमंत्री गृह मंत्रालय को निर्देश दे कि इन राज्यों में फंसे बच्चों को वापस लाने के लिए आदेश जारी किये जाये। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़