BJP ने NPP को मनाने के प्रयास किए तेज, राम माधव बोले- 2022 तक स्थिर रहेगी हमारी सरकार
भाजपा महासचिव राम माधव ने भाजपा नेताओं से मुलाकात की और कहा कि पिछले एक साल से सरकार के भविष्य को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन गठबंधन की यह सरकार हमेशा से स्थिर रही है और लगातार चुनाव भी जीतती आ रही है।
इम्फाल। भाजपा महासचिव राम माधव ने बुधवार को विश्वास जताया कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। पार्टी ने अपने क्षेत्रीय सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को मनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों के मामलों में भाजपा की ओर से पैनी निगाह रखने माधव आज इम्फाल पहुंचे। उनका यह दौरा ऐसे समय में समय हुआ है जब सीबीआई ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह से भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में पूछताछ की। पिछले हफ्ते एनपीपी के चार मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद बीरेन सिंह सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इबोबी सिंह भाजपा-नीत गठबंधन सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं।
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माधव ने यहां भाजपा नेताओं से मुलाकात की और कहा कि पिछले एक साल से सरकार के भविष्य को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन गठबंधन की यह सरकार हमेशा से स्थिर रही है और लगातार चुनाव भी जीतती आ रही है। माधव ने कहा, ‘‘वर्ष 2022 तक हमारी सरकार स्थिर रहेगी।’’ ज्ञात हो कि 2022 में राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम आज यहां अपने नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य की जीत का जश्न मना रहे हैं और उनका सम्मान कर रहे हैं।’’ गत 19 जून को हुए राज्यसभा के चुनाव में भाजपा के लेइशेम्बा सानाजओबा ने जीत दर्ज की। माधव ने उनकी जीत को मणिपुर की जनता और भाजपा नेतृत्व की जीत करार दिया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी मामले को ‘‘पारिवारिक मुद्दा’’ बताकर टालने का प्रयास किया और विश्वास व्यक्त किया कि जल्द ही इस राजनीतिक संकट का समाधान निकाल लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां गठबंधन सरकार चला रहे हैं। विवाद के कुछ मुद्दे हैं जिनसे केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया गया है। यह हमारे घर का मसला है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘हमने राज्यसभा का चुनाव 24 के मुकाबले 28 मतों से जीता। सब कुछ इसी से स्पष्ट हो जाता है। पार्टी और सरकार की स्थिति डगमगाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।’’ साल 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने अपने 21 विधायकों के साथ सरकार बनाने के लिये एनपीपी, नगा पीपुल्स फ्रंट, एक निर्दलीय और लोजपा व तृणमूल कांग्रेस के एक-एक सदस्य से हाथ मिलाया था। मणिपुर में राजनीतिक अनिश्चितता के बीच सीबीआई ने तकरीबन तीन घंटे तक इबोबी सिंह से उनके आवास पर पूछताछ की। उन पर आरोप है कि उन्होंने 2009 से 2017 के बीच कथित तौर पर 332 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
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अधिकारियों ने बताया कि यह मामला उस समय का है जब सिंह मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी (एमडीएस) के अध्यक्ष थे। कांग्रेस ने सीबीआई कार्रवाई को मौजूदा संकट से जोड़ते हुए कहा है कि यह सारा प्रयास राज्य की गठबंधन सरकार को बचाने के लिए किया जा रहा है। इबोबी सिंह को जब सीबीआई समन भेजा गया तब कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘एक अलोकप्रिय मुख्यमंत्री को बचाने के सारे प्रयास विफल होंगे। यह सारा प्रयास एक डूबते जहाज को बचाने का है। सीबीआई पर से लोगों का विश्वास उठ जाएगा।’’
सूत्रों के मुताबिक बीरेन सिंह सरकार से इस्तीफा देने वाले चारों मंत्रियों को राजधानी दिल्ली ले जाया गया है, जहां भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से उनकी वार्ता चल रही है। पूर्वोत्तर में भगवा पार्टी के प्रमुख संकटमोचक माने जाने वाले हेमंत बिस्व सरमा इस संकट को टालने के प्रयास में लगे हुए हैं। भाजपा सूत्रों की मानें तो एनपीपी नेता भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में नेता को बदलने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।एनपीपी के मंत्रियों के अलावा इस्तीफा देने वालों में भाजपा के तीन बागी विधायकों के अलावा तृणमूल कांग्रेस का एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक शामिल है। कांग्रेस के नेतृत्व में नवगठित धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील मोर्चा (एसपीएफ) ने सरकार के बहुमत खो देने का दावा करते हुए विश्वास मत की मांग की है।
BJP General Secretary Ram Madhav asserts Biren Singh govt in Manipur will complete its term till 2022
— Press Trust of India (@PTI_News) June 24, 2020
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