संपत्ति सृजित करने वालों को संदेह से नहीं देखें, वे देश की पूंजी हैं: मोदी

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73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति सृजन सबसे बड़ी देश सेवा है। उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति सृजित करने वालों को कभी भी संदेह की नजर से नहीं देखें। जब सम्पत्ति सृजित होगी तभी संपत्ति का वितरण हो सकता है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को उद्योग जगत के साथ मुस्तैदी से खड़े दिखे। उन्होंने कहा कि संपत्ति सृजित करने वालों को संदेह की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए, वे देश की पूंजी हैं, उनका सम्मान होना चाहिए। लाल किले की प्राचीर से 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति सृजन सबसे बड़ी देश सेवा है। उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति सृजित करने वालों को कभी भी संदेह की नजर से नहीं देखें। जब सम्पत्ति सृजित होगी तभी संपत्ति का वितरण हो सकता है।’’ 

मोदी ने कहा, ‘‘संपत्ति सृजन बहुत जरूरी है। जो देश में संपत्ति सृजित कर रहे हैं, वे भारत की पूंजी और हम उसका सम्मान करते हैं।’’ एक साल में यह तीसरा मौका है जब मोदी कारपोरेट इंडिया के पक्ष में खुल कर खड़े दिखे।

इससे पहले पिछले साल जुलाई में मोदी ने कहा था कि वह उद्योगपतियों के साथ खड़े होने में नहीं डरते क्योंकि उनका मन बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा था कि उद्योगपतियों ने भी देश के विकास में योगदान दिया है। अक्टूबर 2018 में भी उन्होंने कहा था कि वह उद्योग और कंपनियों की आलोचना की संस्कृति में भरोसा नहीं करते। उनका मानना है कि उद्योग जगत के लोग अपने कारोबार के साथ उल्लेखनीय सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं।

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