बेमौसम बारिश से फसल को हुए नुकसान का आकलन कर रहा पश्चिम बंगाल, कृषि मंत्री ने कही यह बात

Mamata Banerjee
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पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि अर्थव्यवस्था के समक्ष कोरोना संकट और खाद्य मुद्रास्फीति के बावजूद राज्य में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘11 जनवरी से बेमौसम बरसात के बाद हमारे अधिकारी खेतों में गए हैं। हम बारिश की वजह से फसल को हुए नुकसान का आकलन जल्द पूरा करना चाहते हैं।’’

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने बेमौसम बारिश की वजह से फसलों को हुए नुकसान के आकलन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही सरकार ने किसानों को अपनी उपज को कीटों के हमलों के बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है। प. बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि उनका मंत्रालय स्थिति की निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के समक्ष कोविड-19 महामारी के संकट और खाद्य मुद्रास्फीति के बावजूद राज्य में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘11 जनवरी से बेमौसम बरसात के बाद हमारे अधिकारी खेतों में गए हैं। हम बारिश की वजह से फसल को हुए नुकसान का आकलन जल्द पूरा करना चाहते हैं।’’ 

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कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकारियों से किसानों से बातचीत करने को भी कहा गया है। अधिकारी किसानों का बता रहे हैं कि बारिश की वजह से फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए क्या कदम उठाने की जरूरत है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने किसानों को खेती में आने वाली अड़चनों से बचाने के लिए कदम उठाए हैं। फसल बीमा से उन्हें मदद मिलेगी। लेकिन यदि कृषि उत्पादन कम रहता है, तो महामारी के इस दौर में लोग खाद्य मुद्रास्फीति से प्रभावित हो सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर कई उपाय किए जा रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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