पश्चिमी विक्षोभ से हो सकती है पहाड़ों पर मौसम की पहली भारी बर्फबारी, कई स्थानों पर बारिश की संभावना
सर्दी के इस मौसम में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पर्वत की चोटियों पर बर्फ पर वो नजारा नहीं दिखा जो आमूमन हर वर्ष होता है। आईएमडी ने इसके लिए सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी को जिम्मेदार ठहराया है।
पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में रविवार से लगातार दो पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से इस मौसम की पहली भारी बर्फबारी होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सर्दी के इस मौसम में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पर्वत की चोटियों पर बर्फ पर वो नजारा नहीं दिखा जो आमूमन हर वर्ष होता है। आईएमडी ने इसके लिए सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी को जिम्मेदार ठहराया है।
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होता है और इससे उत्तर पश्चिम भारत में बेमौसम वर्षा आती है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी को मौजूदा अल-नीनो स्थितियों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
अल-नीनो स्थिति मध्य प्रशांत महासागर में सतही जल का असामान्य रूप से गर्म होना है। लद्दाख के लेह में मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख सोनम लोटस ने कहा कि वर्षा की कमी से हिमालय क्षेत्र में ताजे पानी की उपलब्धता पर असर पड़ने की आशंका हैजिससे बागवानी और खेती-बाड़ी प्रभावित होगी।
आईएमडी ने शनिवार को कहा कि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के रविवार से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के मौसम पर असर पड़ सकता है और एक अन्य विक्षोभ के 31 जनवरी से इस क्षेत्र एवं उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी इलाकों के मौसम को प्रभावित करने की संभावना है।
इन स्थितियों के कारण 28 जनवरी से 31 जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा या बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग ने एक बयान में कहा, 31 जनवरी से दो फरवरी तक उत्तराखंड में हल्की या मध्यम छिटपुट बारिश या बर्फबारी और पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश होने की संभावना है।
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