क्या है फेलुदा टेस्ट ? 60 मिनट में पता चलता है कोरोना संक्रमण
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) और टाटा ग्रुप के कुछ वैज्ञानिकों ने मिलकर एक स्वदेशी कोरोना किट का निर्माण किया है, जिसे 'फेलुदा' (Feluda) नाम दिया गया है।
नयी दिल्ली। भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए वैज्ञानिक तरह-तरह के अध्ययन और शोध कर रहे हैं ताकि वायरस को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके या फिर इसका प्रभाव कम करने में कुछ मदद मिल सके। इसी बीच काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) और टाटा ग्रुप के कुछ वैज्ञानिकों ने मिलकर एक स्वदेशी कोरोना किट का निर्माण किया है, जिसे 'फेलुदा' (Feluda) नाम दिया गया है।
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टाटा ग्रुप फेलुदा स्वदेशी टेस्टिंग किट को लॉन्च करने वाली है। इस किट की खासियत यह है कि इसके नतीजे एक घंटे के भीतर मिल जाएंगे। यानि की अब टेस्टिंग के नतीजे हासिल करने के लिए जो एक दिन का समय लगता था उससे राहत मिलेगी। फेलुदा टेस्ट किट को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने मंजूरी दे दी है।
क्या है फेलुदा किट ?
फेलुदा (Feluda) जिसका पूरा नाम FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay है। यह CRISPR जीन-एडिटिंग तकनीक पर आधारित है। यह तकनीक कोरोना वायरस महामारी SARS-CoV-2 के जेनेटिक मटीरियल को पहचानने में कारगर है और इसकी सबसे खास बात है कि यह टेस्ट RT-PCR टेस्ट जितना ही सटीक परिणाम देता है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी पूरी दुनिया में RT-PCR टेस्ट को ही कारगर माना गया है लेकिन फेलुदा टेस्ट एक ऐसे विकल्प के तौर पर सामने आया है जिसमें कम समय में परिणाम और कम पैसों के साथ-साथ कम मैनपॉवर की जरूरत होती है। निर्माता कंपनी का दावा है कि फेलुदा टेस्ट कराने के बाद RT-PCR टेस्ट से पुष्टि करने की जरूरत नहीं है क्योंकि परिणाम बिल्कुल सटीक होते हैं। बता दें कि फेलुदा टेस्ट किट को डॉ देबज्योति चक्रबर्ती और सौविक मैत्री ने विकसित किया है।
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