जहाँ भगवान रामलला विराजमान है, वहाँ एक भी बूंद पानी छत से नही टपका है : Champat
राय ने कहा कि मंदिर और पार्क परिसर में बारिश के पानी की निकासी के लिए एक सुव्यवस्थित व्यवस्था की गई है, जिसका काम अभी चल रहा है, इसलिए मंदिर और पार्क परिसर में कहीं भी जलभराव नहीं होगा।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बृहस्पतिवार को कहा कि गर्भगृह में जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है और न ही अंदर कहीं से कोई पानी आया है।
उन्होंने कहा, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में वर्षा काल के दौरान छत से पानी टपकने के संदर्भ में कुछ तथ्य आपके सामने रख रहा हूँ। पहली बात तो यह है कि गर्भगृह में जहाँ भगवान रामलला विराजमान है, वहाँ एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है और न ही कहीं से पानी गर्भगृह में आया है।
उन्होंने कहा कि सभी ‘जंक्शन बॉक्सों’ के माध्यम से पानी प्रवेश किया और वही पानी नाली के पाइपों के माध्यम से भूतल पर गिर गया और ऐसा लग रहा था कि पानी छत से टपक रहा है, जबकि वास्तव में पानी नाली के पाइपों की मदद से भूतल पर आ रहा था।
उन्होंने कहा कि पहली मंजिल का फर्श पूरी तरह से जलरोधी हो जाएगा और किसी भी ‘जंक्शन बॉक्स’ से पानी का प्रवेश नहीं होगा और पानी नाली के माध्यम से नीचे तक नहीं पहुंचेगा।
राय ने कहा कि मंदिर और पार्क परिसर में बारिश के पानी की निकासी के लिए एक सुव्यवस्थित व्यवस्था की गई है, जिसका काम अभी चल रहा है, इसलिए मंदिर और पार्क परिसर में कहीं भी जलभराव नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि परिसर में बारिश के पानी को पूरी तरह से संग्रहित करने के लिए ‘रिचार्ज पिट’ का निर्माण भी किया जा रहा है। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास नेछत से पानी टपकने की बात कही थी।
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