जानिए कौन हैं केजरीवाल की नई शराब नीति के कारण जेल जाने वाले नेता Satyendar Jain? एक बार फिर वापसी को हैं तैयार

Satyendar Jain
प्रतिरूप फोटो
ANI
Anoop Prajapati । Dec 10 2024 8:04PM

शकूर बस्ती विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक और आम आदमी पार्टी के सत्येंद्र कुमार जैन प्रमुख सदस्य हैं। इसके अलावा भी जैन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं भी थे। जैन पेशे से आर्किटेक्ट हैं। उन्हें मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।

सत्येंद्र कुमार जैन राजधानी दिल्ली की शकूर बस्ती विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक और आम आदमी पार्टी के प्रमुख सदस्य हैं। इसके अलावा भी जैन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं भी थे। जैन पेशे से आर्किटेक्ट हैं। उन्हें मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और उसके बाद वे लगभग दो साल तक जेल में ही रहे हैं। उन्होंने बिना जमानत या मुकदमे या दोष सिद्धि के 2 साल से अधिक समय जेल में बिताया है। उनके विभागों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग, गृह, बिजली, पानी, शहरी विकास और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण शामिल थे। 

प्रारम्भिक जीवन

सत्येंद्र कुमार जैन का जन्म तीन अक्तूबर 1964 को यूपी के बागपत जिले में हुआ। यहां किरथल गांव में उनका निवास है। सत्येंद्र के पिता शिक्षक थे। सत्येंद्र के जन्म के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया था। पहले वो सरस्वती विहार में अपने परिवार के साथ रहते थे और अब सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास मिला हुआ है। जैन ने 1992 में असोसिएट मेंबरशिप ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स से आर्किटेक्चर की पढ़ाई की थी।

इसके बाद एक वास्तुकार के रूप में उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में नौकरी शुरू की। कुछ समय बाद ही अपनी आर्किटेक्चरल कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। उनकी पत्नी पूनम जैन भी आर्किटेक्चर के क्षेत्र में ही काम करती हैं। पढ़ाई और नौकरी के समय से ही वो तमाम तरह के समाज सेवा कार्यों से जुड़े हुए थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ चले जन लोकपाल आंदोलन से वह इतने प्रभावित हुए कि उसमें ईमानदारी से योगदान देने के लिए उन्होंने अपना करियर छोड़ दिया।

राजनीतिक सफर

जब अन्ना हजारे जन लोकपाल बिल की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे, उसी दौरान सत्येंद्र जैन की मुलाकात अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से हुई। इसके बाद जब अरविंद ने आम आदमी पार्टी बनाई तो सत्येंद्र भी इसमें शामिल हो गए। साल 2013 में पहली बार शकूर बस्ती विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के एससी वत्स और कांग्रेस के देवराज अरोड़ा को हराकर जैन विधायक बने। इसके बाद 2015 और फिर 2020 में भी इसी सीट से जीत हासिल की। 2020 तक जैन के ऊपर एक भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं था।

हालांकि, इसके बाद वह मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस गए। सत्येंद्र जैन ने 2020 चुनाव के दौरान हलफनामा में बताया है कि उनके पास करीब सात करोड़ की संपत्ति है। उन्होंने पिछली AAP सरकारों में 14 फरवरी से 13 फरवरी 2020 तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग, गृह, पीडब्ल्यूडी, बिजली, पानी, परिवहन, शहरी विकास और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के रूप में कार्य किया।

क्या है मनी लॅन्ड्रिंग केस, जिसमें सत्येंद्र जैन फंसे? 

आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जैन की पत्नी और दो बेटियों ने सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों के कारोबार की आड़ में करोड़ों रुपये हासिल किए। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की चार कंपनियों में जैन, उनके परिवार और दोस्तों के शेयर थे। इसके अलावा इन कंपनियों पर नियंत्रण भी इन्हीं का था। 

दिल्ली सरकार का हिस्सा बनने से पहले जैन चार में से तीन कंपनियों के निदेशक थे। हालांकि, जैन के मंत्री बनने के बाद भी चारों कपंनियों में उनके परिवार के सदस्यों के शेयर पहले के ही तरह रहे। ईडी की जांच में सामने आया कि इन कंपनियों ने 2016 से 2022 के बीच 16.4 करोड़ रुपये का धन शोधन किया। इनमें जैन के निदेशक रहने के दौरान 2015-16 के 4.16 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह राशि सत्येंद्र जैन, उनके परिवार के सदस्यों और कारोबारी सहयोगियों अजीत प्रसाद और सुनील कुमार जैन के परिवारों की है।

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