मंदिरों से पाकिस्तान को क्यों लगता है डर? कट्टरपंथियों का प्रहार, एक्शन में सुप्रीम कोर्ट

Pakistan
अभिनय आकाश । Jan 1 2021 4:44PM

उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में स्थित खैबर पख्तूनवा के करक जिले के टेरी गांव का है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक मंदिर के जीर्णोद्धार और उसके विस्तार का काम चल रहा था। मंदिर को और भव्य बनाया जा रहा था। ये सबकुछ वहां की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक हो रहा था।

पाकिस्तान में हिन्दुओं की आस्था पर सबसे बड़ा हमला हुआ है। पाकिस्तान में हिन्दुओं के प्राचीन मंदिर पर हमला हुआ है। जब सैकड़ों कट्टरपंथियों की भीड़ ने न सिर्फ तोड़फोड़ की बल्कि उसमें आग भी लगा दी। कट्टरपंथी मंदिर के जीर्णोद्धार से खफा थे। उन्मादी लोगों ने आस्था के स्थल पर हथौड़ा और फावड़ा चलाते दिखें और वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की भीड़ शोर से उनका उत्साह बढ़ाती दिखी। ये नजारा उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में स्थित खैबर पख्तूनवा के करक जिले के टेरी गांव का है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक मंदिर के जीर्णोद्धार और उसके विस्तार का काम चल रहा था। मंदिर को और भव्य बनाया जा रहा था। ये सबकुछ वहां की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक हो रहा था। लेकिन हिन्दुओं की आस्था के केंद्र का जीर्णोद्धार और विस्तार वहां की संकीर्ण मानसिकता वाले हिन्दू विरोधी मौलवियों को पसंद नहीं आया। इसके खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के मौलवियों ने एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। इस दौरान मौलवियों ने उकसाने वाले नारे लगाए। जिसके बाद उन्मादी भीड़ ने सैकड़ों साल से भी ज्यादा पुराने ऐतिहासिक मंदिर पर हमला कर दिया। 

30 सदस्यों को किया गया गिरफ्तार

मंदिर में हमले को लेकर पुलिस ने देश की एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के 30 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। मंदिर पर हमले को लेकर मानवाधिकार संगठनों और हिंदू नेताओं ने निंदा की। प्रांतीय पुलिस प्रमुख केपीके सनाउल्लाह अब्बासी ने कहा कि प्राथमिकी में 350 से अधिक लोगों का नामजद किया गया है। अब्बासी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी में आतंकवाद से संबंधित कानून की सभी धाराओं को शामिल किया गया है। 

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पाकिस्तान  सुप्रीम कोर्ट ने  लिया स्वत: संज्ञान

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को हमले का संज्ञान लिया और स्थानीय अधिकारियों को पांच जनवरी को पेश होने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत के एक बयान के अनुसार, हिंदू सांसद और पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख रमेश कुमार वांकवानी ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कराची में प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद से मुलाकात की। बयान के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश ने दुखद घटना पर गंभीर चिंता जतायी और संसद सदस्य को सूचित किया कि उन्होंने इस मुद्दे पर पहले ही संज्ञान लिया है और पांच जनवरी के लिए मामले को सूचीबद्ध किया है। अधिकारियों ने बताया कि क्षतिग्रस्त मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। 

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