बार-बार अपनी ही सांसद Kangana Ranaut के खिलाफ क्यों खड़ी हो जाती है BJP? एक्ट्रेस के किसान कानून पर ताजा बयान से उलझन में आयी पार्टी!!
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पार्टी की सांसद कंगना रनौत की तीन कृषि कानूनों पर ताजा टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया। मंगलवार को भाजपा ने उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया और कहा कि कंगना रनौत पार्टी की ओर से इस तरह की टिप्पणी करने के लिए "अधिकृत" नहीं हैं।
एक्ट्रेस से राजनेता बनीं कंगना रनौत बनाम किसान में एक और बड़ा यान एक्ट्रेस की ओर से जोड़ दिया गया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा सासंद ने कंगना रनौत ने में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जिस कानूनों को बड़े पैमाने पर आंदोलन के बाद नवंबर 2021 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा वापस ले लिया गया। उसे अब"वापस लाया जाना चाहिए ...किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए"। कंगना रनौत ने कहा, मुझे पता है कि यह विवादास्पद होगा... लेकिन मुझे लगता है कि निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए। वे देश के विकास के लिए ताकत के स्तंभ हैं और मैं उनसे अपील करना चाहती हूं - अपने भले के लिए कानूनों को वापस मांगें।"
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पार्टी की सांसद कंगना रनौत की तीन कृषि कानूनों पर ताजा टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया। मंगलवार को भाजपा ने उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया और कहा कि कंगना रनौत पार्टी की ओर से इस तरह की टिप्पणी करने के लिए "अधिकृत" नहीं हैं। भाजपा की ओर से उनकी टिप्पणियों की तीखी आलोचना किए जाने के बाद मंडी से लोकसभा सांसद ने कहा कि उनकी टिप्पणी निजी थी और इसका पार्टी के रुख से कोई लेना-देना नहीं है।
अभिनेत्री से राजनेता बनीं कंगना रनौत ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है, जब उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों के विरोध के बाद रद्द किए गए तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। रनौत ने अपने विचारों की निजी प्रकृति पर जोर देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, "बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। धन्यवाद।"
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इस विवाद की शुरुआत मंगलवार को तब हुई जब मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में रनौत ने कहा, "मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।" उन्होंने तर्क दिया कि तीनों कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे, लेकिन कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के मद्देनजर केंद्र ने इन्हें निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा, "किसान देश के विकास में ताकत का स्तंभ हैं। मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस मांगें।"
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा ने लोकसभा सांसद की टिप्पणियों की निंदा की है। पिछले महीने, पार्टी ने किसानों के विरोध पर कंगना रनौत की टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया था और अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना रनौत से भविष्य में इस तरह के बयान देने में संयम बरतने का आग्रह किया था।
भाजपा सांसद ने तब दावा किया था कि किसान विरोध प्रदर्शन "भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति" पैदा करने की तैयारी है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि शव लटके हुए पाए गए और विरोध स्थलों पर बलात्कार हो रहे हैं, जिसकी भाजपा और विपक्ष ने तीखी आलोचना की।
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