डेटा संरक्षण विधेयक को सरकार ने क्यों लिया वापस? IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया यह जवाब
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि पूरी डिजिटल अर्थव्यवस्था जो हमारे पास है और जिस तरह से तकनीक तेजी से बदल रही है, हमें एक समकालीन और आधुनिक कानूनी ढांचे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है और व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक उसी का एक हिस्सा होगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया कि समकालीन, आधुनिक कानूनी ढांचा लाने के लिए व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को वापस लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब सरकार को उम्मीद है कि संसद के अगले बजट सत्र में नया विधेयक पारित हो सकेगा। अपने बयान में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति ने कई हितधारकों से परामर्श किया। उसके बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कुछ संशोधनों की सिफारिश की, इसके अलावा 12 प्रमुख अन्य सुझाव भी थे। पुराने विधेयक को वापस लेना महत्वपूर्ण था और जल्द ही नया विधेयक लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त समिति के व्यापक रिपोर्ट में एक विधेयक में 81 संशोधनों की सिफारिश की गई जो कि 99 खंडों का था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 12 प्रमुख सुझाव भी दिए गए हैं। ऐसे में नया मसौदा लाना ही पड़ेगा।
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अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि पूरी डिजिटल अर्थव्यवस्था जो हमारे पास है और जिस तरह से तकनीक तेजी से बदल रही है, हमें एक समकालीन और आधुनिक कानूनी ढांचे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है और व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक उसी का एक हिस्सा होगा। इसलिए, कानूनी ढांचे में बदलाव किया गया है। वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने पर हमारे फोकस ने अच्छे नतीजे दिए हैं। डेटा संरक्षण विधेयक को वापस लिए जाने पर उन्होंने कहा कि किसी भी दबाव में आने का सवाल ही नहीं है, यह (वापसी का) एक बहुत ही सचेत निर्णय और एक सोची-समझी प्रक्रिया है। आपको बता दें कि सरकार ने बुधवार को लोकसभा में ‘डेटा संरक्षण विधेयक, 2021’ को वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि निजता के सिद्धांतों और उच्चतम न्यायालय के निर्णय से किसी भी तरह का समझौता करे बगैर हमने नया मसौदा तैयार किया है। आज हमने संसदीय प्रक्रिया पूरी कर ली और अब जल्द ही हम नया मसौदा मंजूरी के लिए लाएंगे।
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गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को लोकसभा में ‘डेटा संरक्षण विधेयक, 2021’ को वापस ले लिया था। इस विधेयक को 11 दिसंबर, 2019 को सदन में पेश किया गया था। इसके बाद इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेज दिया गया था। समिति की रिपोर्ट 16 दिसंबर, 2021 को लोकसभा में पेश की गई थी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार व्यापक विधेयक लाएगी जिसमें डिजिटल अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। उसमें डेटा निजता, उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए नियम तथा डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क होगा। सूत्रों ने बताया कि विधेयक का नया संस्करण, आईटी कानून संशोधन, राष्ट्रीय डेटा शासन रूपरेखा आदि को संसद में रखा जाएगा और इसके जरिए डेटा निजता समेत आईटी क्षेत्र से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान निकलेगा।<
Whole digital economy that we have & the way technology is changing rapidly, we need a contemporary & modern legal framework...Govt is working on it & Personal Data Protection Bill will be a part of that. So, there's an overhaul of legal framework: Union Minister Ashwini Vaishnaw pic.twitter.com/e8DBZ9ZnMQ
— ANI (@ANI) August 4, 2022
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