राजस्थान से क्यों पलायन को मजबूर हिन्दू परिवार, पीएम से लगाई सुरक्षा की गुहार

Rajasthan
अभिनय आकाश । Sep 11 2021 4:26PM

टोंक का मालपुरा कस्बा साल 1992 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद से ही संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। यहां बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पिछले तीन दशक के दौरान कई बार संघर्ष हुए। जिसकी वजह से भविष्य की परिस्थितियों को लेकर लोग आशंकित रहते हैं।

राजस्थान के टोंक में हिन्दुओं की असुरक्षा और पलायन का मुद्दा गहलोत सरकार के लिए मुश्किल बनता जा रहा है। टोंक में हिन्दुओं के पलायन और असुरक्षा के मसले पर बीजेपी ने तीन सदस्यों वाली एक कमेटी बनाई थी। जिसने टोंक के मालपुरा का दौरा किया। इस कमेटी के अध्यक्ष सीकर के बीजेपी सांसद सुमेधानंद सरस्वती हैं, जो पीड़ित परिवारों से मुलाकत और पड़ताल के बाद अपनी रिपोर्ट बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया को देंगे। वहां के कुछ परिवारों ने अपने घरों के बाहर पोस्टर लगाकर जान का खतरा बताया।  इसके साथ ही सीएम गहलोत और प्रधानमंत्री मोदी से सुरक्षा की गुहार भी लगाई है। इतना ही नहीं दो दिन पहले बड़ी संख्या में महिला-पुरूष और बच्चों ने मालपुरा में एक रैली निकाली और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। लोगों के घरों के बाहर लगे पोस्टर को हटाने पहुंची पुलिस को भी बैरंग लौटना पड़ा।  

क्या है पूरा मामला

टोंक का मालपुरा कस्बा साल 1992 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद से ही संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। यहां बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पिछले तीन दशक के दौरान कई बार संघर्ष हुए। जिसकी वजह से भविष्य की परिस्थितियों को लेकर लोग आशंकित रहते हैं। ताजा मामला जैन समाज और मुस्लिम समाज के इलाकों के बीच एक मकान से हिंदू परिवार के पलायन से जुड़ा है। यहां रह रहे बहुसंख्यक समाज के लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में अब हिन्दू परिवारों में असुरक्षा का डर बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि परिवार पलायन की राह पर हैं।परिवारों ने पलायन के लिये मजबूर होना बताते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक से सुरक्षा की गुहार लगाई है।


 

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