दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर क्यों बैठे PM मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी, पश्चिम बंगाल मॉडल का क्या है कनेक्शन

संसद का मानसून सत्र चल रहा है। संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्नों मुद्दों को लेकर वार-पलटवार जारी है। वहीं कभी शिवसेना सांसद संजय राउत की गिरफ्तारी के विरोध में तो कभी सदन की कार्रवाई से सांसदों के निलंबन के विरोध में राजनेताओं का धरना प्रदर्शन भी लगातार जारी है। लेकिन अगर क्या हो की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार से ही कोई शख्स केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने उतर जाए। जी हां, ये कोई कपोर कलप्ना नहीं बल्कि वाकई सच है। पीएम मोदी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी ने विभिम्म मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया।
क्या है मांगें
‘ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन’ (एआईएफपीएसडीएफ) के उपाध्यक्ष प्रह्लाद मोदी ने संगठन की विभिन्न मांगों को लेकर एआईएफपीएसडीएफ के अन्य सदस्य जंतर-मंतर पर एकत्र हुए और नारेबाजी की। प्रह्लाद ने कहा, एआईएफपीएसडीएफ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपेगा, जिसमें हमारे अस्तित्व की खातिर लंबे समय से चली आ रही हमारी मांगों को सूचीबद्ध किया जाएगा।
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पश्चिम बंगाल मॉडल किया जाए लागू
एआईएफपीएसडीएफ की मांग है कि फेयर प्राइस शॉप पर अगर चावल, गेहूं, चीनी के साथ खाने के तेल और दालों का भी नुकसान होता है तो मुआवजा मिलना चाहिए। मांग है कि मुफ्त राशन वितरण के 'पश्चिम बंगाल राशन मॉडल' को पूरे देश में लागू किया जाए। इसके अलावा संगठन की मांग है कि जम्मू-कश्मीर समेत सभी राज्यों बकाया मार्जिन का भुगतान जल्द कर दिया जाए।
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लोकसभा अध्यक्ष से भी करेंगे मुलाकात
प्रह्लाद मोदी का कहना है कि महंगाई और दुकानों को चलाने में आने वाले खर्च में वृद्धि के बीच हमारे मार्जिन में महज 20 पैसे प्रति किलोग्राम की वृद्धि करना एक कूर मजाक है। हम केंद्र सरकार से हमें राहत प्रदान करने और हमारी वित्तीय परेशानियों को दूर करने का अनुरोध करते हैं। एआईएफपीएसडीएफ के राष्ट्रीय महासचिव विश्वंभर बसु ने कहा कि वे अपनी नौ सूत्रीय मांगों से संबंधित एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपेंगे। उन्होंने कहा, हमारी बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मिलने की योजना है।