Vanakkam Poorvottar: मोदी सरकार में समझौता सिर्फ कागज का टुकड़ों पर नहीं होता इसलिए 35 साल तक लड़ने वाले त्रिपुरा के दो उग्रवादी संगठनों ने कर लिया शांति समझौता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में अपना भरोसा जताते हुए एनएलएफटी और एटीटीएफ ने 35 साल पुराने संघर्ष को समाप्त करने और मुख्यधारा में लौटने, हिंसा छोड़ने और समृद्ध एवं विकसित त्रिपुरा के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने पर सहमति दी है।
मोदी सरकार ने साल 2014 से लेकर अब तक विभिन्न प्रयासों के जरिये पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति स्थापित करने में काफी हद तक सफलता हासिल की है। पूर्वोत्तर के विभिन्न उग्रवादी संगठनों ने मोदी सरकार के कार्यकाल में ही हथियार डाले हैं और मुख्यधारा के जीवन में वापसी की है। इसी कड़ी में त्रिपुरा सरकार तथा राज्य के दो उग्रवादी समूहों ने एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का मकसद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा को समाप्त करना और शांति लाना है। नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा की उपस्थिति में यह समझौता किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र खासकर आदिवासियों की संस्कृति, भाषा और पहचान को संरक्षित रखते हुए उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ पूर्वोत्तर और दिल्ली के बीच की खाई को पाटकर उन्हें सड़क, रेलवे और उड़ानों के जरिए जोड़ा है, बल्कि दिलों के बीच की दूरी को भी पाटा है। उन्होंने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही शांति और प्रगति की दिशा में त्रिपुरा की यात्रा में एक नया मील का पत्थर स्थापित हो गया है।
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हम आपको बता दें कि यह शांति समझौता ‘नॉर्थ ब्लॉक’ में किया गया। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और गृह मंत्रालय तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के प्रतिनिधियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान मौजूद थे। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में अपना भरोसा जताते हुए एनएलएफटी और एटीटीएफ ने 35 साल पुराने संघर्ष को समाप्त करने और मुख्यधारा में लौटने, हिंसा छोड़ने और समृद्ध एवं विकसित त्रिपुरा के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने पर सहमति दी है। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार पूर्वोत्तर के, खासकर आदिवासी समूहों की संस्कृति, भाषा और पहचान को संरक्षित रखते हुए, समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, "सरकार ने पूर्वोत्तर में हस्ताक्षरित सभी शांति समझौतों को लागू किया है।"
उन्होंने कहा कि उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए 12 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से तीन त्रिपुरा से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के कारण करीब 10,000 लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि 328 से अधिक उग्रवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होंगे और दोनों उग्रवादी समूहों के परिचालन वाले क्षेत्रों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, मोदी सरकार उन क्षेत्रों को विकसित करने और हथियार उठाने के कारणों को दूर करने के लिए काम कर रही है। शाह ने कहा, "मोदी सरकार में समझौता सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि दिल की भावना है और हमने इसे जमीनी स्तर पर प्रदर्शित किया है।" उन्होंने कहा कि समझौते को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
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