भाजपा और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में ‘अच्छे संबंध’ के बावजूद हमारी सीमाएं असुरक्षित क्यों: कांग्रेस
उनके मुताबिक 17 अक्टूबर 2008 को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के महत्वपूर्ण सदस्य राजनाथ सिंह से मिले और फिर से यह दोहराया गया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के संबधों को सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जनवरी 2009 में आरएसएस एवं भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के आमंत्रण पर चीन की पांच दिवसीय यात्रा की। इस दौरान अरूणाचल प्रदेश और तिब्बत पर चर्चा की गई। न तो आरएसएस एक राजनीतिक दल है और न भाजपा सत्ता में थी, लेकिन चीन जाकर और कम्युनिस्ट पार्टी के साथ बैठकर अरूणाचल प्रदेश और तिब्बत जैसे महत्वूपर्ण विषयों पर चर्चा की जा रही थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘19 जनवरी 2011 को भारतीय जनता पार्टी के उस वक्त के अध्यक्ष नितिन गडकरी भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल को चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर ले गए। इसका मकसद भाजपा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संबंधों को और मजबूती देना था।’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘मई 2014 में भाजपा की सरकार बनी और नवम्बर 2014 में भाजपा के 13सांसद व विधायक एक सप्ताह की यात्रा पर चीन गए। यात्रा का उद्देश्य था दोनों सतारूढ़ दलों को मजबूती देना। यह प्रतिनिधिमंडल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के स्कूल जिसको ‘द पार्टी स्कूल’ कहा जाता है वहां पार्टी को किस तरह चलाया जाता है वह सीखने गए।’’LIVE: Congress Party Press Briefing by Shri @Pawankhera, Spokesperson, AICC via video conferencing https://t.co/rvq1wC0GrY
— Congress Live (@INCIndiaLive) June 25, 2020
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कांग्रेस नेता दावा किया, ‘‘मोदी जी के चीन से संबंध उस वक्त हैं जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। बतौर मुख्यमंत्री मोदी जी ने 4 बार चीन की यात्रा की और अनेक बार चीन के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन लोगों की गुजरात यात्रा हुई।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि क्या भाजपा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भाजपा के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजती रही है? इससे देश को क्या फायदा हुआ? इतने अच्छे संबंध होने के बावजूद भी हमारी सीमाएं असुरक्षित क्यों है?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ सरकार उन लोगों को लाल आंख दिखा रही है, जो आपके घर में बैठ कर आपको आगाह कर रहे हैं कि अपने घर की सीमाओं को हमें बचाना है और दुश्मन को आप क्लीन चीट दे रहे हैं ये इस देश के इतिहास में पहली बार हुआ है।’’ खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘‘ प्रधानमंत्री के वक्तव्य के अनुसार कि - चीन में कोई घुसपैठ हुई ही नहीं।’’ इस बयान को आज तक चीन पूरे विश्व समुदाय के सामने दिखा रहा है कि देखो भारत के प्रधानमंत्री स्वयं कह रहे हैं कि चीन अपने ही भूभाग पर है और गलवान हमारे भू-भाग में है।
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