मणिशंकर की वापसी और सिद्धू की झप्पी कांग्रेस को चुनावों में पड़ सकती है भारी

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चुनावों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पार्टी नेताओं का बड़बोलापन पहुँचाता है। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का नरेंद्र मोदी को ''चाय वाला'' कह देना कांग्रेस को बहुत महँगा पड़ गया था।

चुनावों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पार्टी नेताओं का बड़बोलापन पहुँचाता है। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का नरेंद्र मोदी को 'चाय वाला' कह देना कांग्रेस को बहुत महँगा पड़ गया था। गुजरात विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच' कहने के चलते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अय्यर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। लेकिन अब कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर का निलंबन रद्द कर उन्हें पार्टी में वापस ले लिया है तो सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसकी क्या जरूरत पड़ गयी थी? गौरतलब है कि कांग्रेस प्रमुख ने केंद्रीय अनुशासन समिति की अनुशंसा पर पार्टी से अय्यर का निलंबन वापस ले लिया था।

यही नहीं मणिशंकर अय्यर भी राहुल गांधी से मिले झटके से उबर नहीं पाये हैं और कह रहे हैं कि मेरी औकात ही क्या है, मेरी तो सिर्फ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता बहाल हुई है। एक चैनल से बातचीत में अय्यर ने कहा है कि मेरी औकता चवन्नी की भी नहीं है। उन्हें इस बात का बेहद दुख है कि 2003 के बाद से पार्टी में उनके पास कोई पद नहीं है। अब अय्यर को पार्टी किसी पद से नवाजती है या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन इतना तो है कि कांग्रेस के कदम पर सवाल उठने लगे हैं।

अय्यर का निलंबन रद्द करने के लिए भाजपा ने राहुल गांधी की आलोचना की और कहा कि यह कांग्रेस प्रमुख और ‘‘काफी विवादों में रहने वाले व्यक्ति के प्रति उनके प्यार’’ का पर्दाफाश करता है। रविवार को भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पूछा कि कांग्रेस ने अय्यर को वापस पार्टी में क्यों लिया और कहा कि क्या पार्टी उनके बगैर अधूरी थी। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने स्पष्ट किया था कि कांग्रेस अय्यर की गलत भाषा का समर्थन नहीं करती और पार्टी में ऐसे नेताओं के लिए जगह नहीं है। लेकिन अब जिस तरीके से उन्हें वापस लिया गया है, यह दिखाता है कि यह केवल बयानबाजी थी और कांग्रेस अध्यक्ष का पर्दाफाश हो गया है।’’ मोदी के खिलाफ अय्यर द्वारा दिए गए कई विवादास्पद बयानों का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि वह कांग्रेस का असली चेहरा हैं।

दूसरी ओर पार्टी के लिए पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नयी मुसीबत बन गये हैं। वह हाल ही में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गये थे और वहां पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष से गले मिले थे। उनके इस कदम की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आलोचना की है। उन्होंने कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू अपने पुराने क्रिकेटर दोस्त के समारोह में गए इस पर कोई समस्या नहीं है। शायद वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति को नहीं पहचानते होंगे इसलिए उनके साथ बैठ गए लेकिन उन्हें जनरल बाजवा से गले नहीं मिलना चाहिए था।' मुख्यमंत्री ने कहा, 'सीमा पर रोजाना हमारे जवान मारे जा रहे हैं। गोली चलाने वाला पाकिस्तानी सैनिक तो सिर्फ आदेश का पालन करता है लेकिन इस तरह के आदेश जनरल बाजवा जैसे लोगों की तरफ से दिए जाते हैं।' हालांकि मुख्यमंत्री ने सिद्धू को बर्खास्त किये जाने से इंकार कर दिया है।

सिद्धू भी मौके की नजाकत को भांपते हुए मामले को तूल नहीं दे रहे हैं और आलोचनाओं पर तीव्र प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त कर रहे हैं। दूसरी ओर अय्यर का रुख आगे क्या रहता है इस पर सभी की नजरें बनी रहेंगी क्योंकि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है और राहुल गांधी की बार-बार की अपीलों के बावजूद पार्टी के नेता विवादित बयान लगातार दे रहे हैं। शशि थरूर, दिग्विजय सिंह, मणिशंकर अय्यर, नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं जो बिना सोचे बोल देते हैं और नुकसान पार्टी को उठाना पड़ जाता है।

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