भ्रष्टाचार की शिकायतों के डर से फैसले लेने से नहीं हिचकिचाउंगा: राजनाथ सिंह

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[email protected] । Oct 4 2019 5:34PM

राजनाथ सिंह इन सबकी परवाह नहीं करता। देश के लोग और बड़े औद्योगिक संगठन जानते हैं कि कौन क्या है। मैं बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं। आप आइए। मेरे द्वार खुले हैं। मैं आपकी जो भी मदद कर सकता हूं, रक्षा मंत्रालय वो मदद करेगा। मैं आपको यह आश्वासन देना चाहूंगा। दरअसल रक्षा खरीद में अकसर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, जिनके संदर्भ में राजनाथ ने यह बात कही।

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निजी क्षेत्र को रक्षा क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी के लिये आमंत्रित करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह भ्रष्टाचार की शिकायतों के डर की वजह से फैसले लेने से नहीं हिचकिचाएंगे। सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार निजी रक्षा क्षेत्र की उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और भारतीय रक्षा क्षेत्र का आकार 2025 तक 26 अरब अमेरिकी डॉलर करने की उनकी योजना में आने वाली दिक्कतों को दूर करने को लेकर चर्चा के लिये तैयार हैं।

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राजनाथ ने जोर देते हुए कहा कि उनके द्वार हमेशा खुले हैं। उन्होंने निजी कंपनियों से आगे आने का आग्रह करते हुए कहा कि जहां तक संभव हो, वे उनकी मदद करना चाहेंगे।सिंह ने यहां  पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स  की ओर से आयोजित  इंडिया इंटरनेशनल सिक्योरिटी एक्सपो  में कहा कि भारत लंबे समय तक आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रह सकता चूंकि इससे महाशक्ति बनने की देश की योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता। सिंह ने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री बने तो लोगों ने कहा कि उन्हें किसी से मिलने जाने या किसी को मिलने बुलाने के दौरान सतर्क रहना चाहिये क्योंकि इससे उन्हें भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने की गुंजाइश हो सकती है। 

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रक्षा मंत्री ने कहा,  उन्होंने मुझसे कहा कि कारोबार संबंधित कई प्रस्ताव और आयात तथा निर्यात संबधी मामले और प्रस्ताव आते हैं, लिहाजा मंत्री को इन सभी को लेकर सतर्क रहना चाहिये नहीं तो कोई न कोई उंगली उठा देगा।  राजनाथ ने कहा,  भ्रष्टाचार के आरोपों से डरने वाले मंत्री को बचना (फैसले लेने से) चाहिये। राजनाथ सिंह इन सबकी परवाह नहीं करता। देश के लोग और बड़े औद्योगिक संगठन जानते हैं कि कौन क्या है। मैं बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं। आप आइए। मेरे द्वार खुले हैं। मैं आपकी जो भी मदद कर सकता हूं, रक्षा मंत्रालय वो मदद करेगा। मैं आपको यह आश्वासन देना चाहूंगा।  दरअसल रक्षा खरीद में अकसर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, जिनके संदर्भ में राजनाथ ने यह बात कही।

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