ये तीन ''विलेन'' मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी खाएंगे?

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रेनू तिवारी । Sep 6 2018 6:20PM

मध्यप्रदेश में चुनाव की दस्तक सुनते ही सभी पार्टियों ने चुनावी रण में उतरने के लिए कमर कस ली है। फिर चाहे सत्ता का सुख भोग रही बीजेपी हो या फिर मध्यप्रदेश में 15 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस सभी ने दंगल में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है।

मध्यप्रदेश में चुनाव की दस्तक सुनते ही सभी पार्टियों ने चुनावी रण में उतरने के लिए कमर कस ली है। फिर चाहे सत्ता का सुख भोग रही बीजेपी हो या फिर मध्यप्रदेश में 15 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस सभी ने दंगल में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन मध्यप्रदेश में इस बार शिवराज सिंह चौहान के लिए राहें आसान नहीं है, चुनावी बिगुल बजते ही शिवराज अपनी कुर्सी बचाने की कवायद में जुट गये हैं। तमाम दावो के बावजूद शिवराज की कुर्सी पर कई खतरें मंडरा रहे हैं। विपक्ष तो हमेशा से ही खतरा रहता है लेकिन शिवराज को चुनौती तो उनके पार्टी के भीतर ही मिल रही है।  आज हम आपको बताते है कि विपक्ष के अलावा वो कौन सी चीजें है तो इस बार शिवराज सिंह चौहान के मध्यप्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के रास्ते में विलेन का रोल निभा रही हैं। 

पहला खतरा हैं केंद्रीय पेय जल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए एक खतरा हैं। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती वापस मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक संघ अभी भी उमा का साथ दे रहा है। अब उमा चाहती हैं कि उन्हें मध्य प्रदेश में काम करने दिया जाए। इसलिये वह संघ प्रमुख से मदद मांग रही हैं। लेकिन शिवराज सिंह और उनकी टीम किसी भी कीमत पर प्रदेश में उमा की वापसी के लिये तैयार नहीं है। सारी कशमकश इसी वजह से है। 

कैलाश विजयवर्गीय भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। मध्य प्रदेश की सियासत में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का काफी अहम रोल रहा है। विजयवर्गीय को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरह ही चुनौती देने वाले नेता के रूप में देखा जाता है। कैलाश विजयवर्गीय शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में एक वरिष्ठ मंत्री थे। 2015 में विजयवर्गीय  शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर अमित शाह की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने और उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।

इनके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राह में कुछ जमीनी मुद्दे भी हैं जो तीसरे विलेन की तरह उनकी राह में खड़े है जैसे किसानों की आत्महत्या और व्यापम घोटाला। शिवराज की सरकार में निजी मेडिकल कॉलेजों पर आरोप है कि इन्होंने व्यापमं अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से राज्य सरकार के कोटे की सीटों की भी सेंधमारी की और कुल 292 ऐसे व्यक्तियों को प्रवेश दिया, जो पीएमटी परीक्षा में शामिल भी नहीं हुए थे। ये सीटें 50 लाख से एक करोड़ रुपये में बेची गयीं। जांच एजेंसी ने ऐसे 292 व्यक्तियों के नामांकन में हेराफेरी का मामला राज्य सरकार को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजने का फैसला किया है।

तो ये तीन विलेन हैं जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राह मे रोड़ा बन कर खड़े हैं। 

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