निश्चित अवधि के रोजगार की अधिसूचना वापस ले केंद्र: सीपीएम

Withdraw notice of employment for a fixed term, says CPM
[email protected] । Apr 21 2018 10:07AM

मार्क्सवादी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने श्रमिक वर्ग के लिये गुलामों जैसी शर्तें लागू करने का केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है।

हैदराबाद। मार्क्सवादी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने श्रमिक वर्ग के लिये गुलामों जैसी शर्तें लागू करने का केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है। पार्टी ने सरकार से निश्चित अवधि के रोजगार की अधिसूचना को वापस लेने और श्रमिकों की हितों की रक्षा के लिए श्रम कानून का प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की मांग की है। माकपा की बैठक में सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए प्रस्ताव पारित किया है।

इसमें कहा गया है कि माकपा की कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार से निश्चित अवधि के रोजगार की अधिसूचना वापस लेने और श्रमिकों के हितों की रक्षा करने एवं उन्हें कुछ लाभ प्रदान करने के लिए श्रम कानून के प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की मांग की है। मजदूर वर्ग पर गुलामों जैसी शर्तें लागू करने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा कि यह कदम कानून सुधारों के नव उदार एजेंडा का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका मतलब श्रमिकों पर आभासी दासता की शर्तें लागू करना है। उन्होंने अधिसूचना के माध्यम से सभी क्षेत्रों में निश्चित अवधि के रोजगार लागू करने को सरकारी हमला करार दिया है।

पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार का यह कदम नियोक्ताओं को श्रमिकों को हटाने की स्वतंत्रता देता है। ध्यान रखना चाहिए कि यह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ही थी जिसने पहली बार 2003 में निश्चित अवधि के रोजगार की अधिसूचना जारी की थी। बाद में कर्मचारी संगठनों के कड़े विरोध के बाद संप्रग ने इसे रद्द किया।

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