सामूहिक बलात्कार का ‘मनगंढ़त’ आरोप लगाने वाली महिला गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद पुलिस ने उस महिला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया जिसने संपत्ति हड़पने के लिए अपने साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का कथित रूप से झूठा आरोप लगाया था।
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद पुलिस ने उस महिला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया जिसने संपत्ति हड़पने के लिए अपने साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का कथित रूप से झूठा आरोप लगाया था। पुलिस अधीक्षक (नगर) निपुण अग्रवाल ने बताया, महिला को पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे बयान दर्ज कराने के लिए एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। अदालत ने महिला को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
दिल्ली महिला आयोग ने बुधवार को कहा था कि महिला ने परामर्शदाताओं को बताया कि गाजियाबाद में दो दिनों तक उसके साथ पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और उन्होंने उसके निजी अंगों में लोहे की रॉड डाली थी। उसने दावा किया कि उसे बांधकर एक बोरे में सड़क किनारे फेंक दिया गया था। हालांकि, गाजियाबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महिला ने संपत्ति हड़पने के लिए पांच लोगों पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने और बर्बरता करने का ‘मनगढ़ंत’ आरोप लगाया था।
पुलिस ने दावा किया था कि पूरी ‘साजिश’ संपत्ति हड़पने के लिए रची गई थी और संपत्ति को लेकर महिला और आरोपियों के बीच विवाद था। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कहा है कि महिला और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा विरोधाभासी बयान दिए गए हैं।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (शहर-दो) आलोक दुबे ने शुक्रवार को बताया था कि महिला और उसके सहयोगियों-आजाद, अफजल और गौरव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति हासिल करने की कोशिश करना), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति हासिल करने के लिए साजिश रचना), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी ज्ञात फर्जी दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को कहा था कि महिला के आरोपों के बाद पांच संदिग्धों में से चार को हिरासत में लिया गया था। मेरठ के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार से बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूछा गया था कि क्या इन चारों को ‘क्लीन चिट’ दी जाएगी तो उन्होंने कहा था, “हमें उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। प्रथम दृष्टया, इस मामले में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। इसलिए सबूत मिलने का सवाल ही नहीं उठता।”
महिला के इस दावे पर कि उसे अगवा किया गया था, कुमार ने कहा, “नहीं,। वह संबंधित स्थान पर अपनी मर्जी से गई थी।” उन्होंने यह भी कहा था कि पुलिस ने महिला द्वारा की गई बातचीत के विश्लेषण में पाया है कि मामले को प्रचारित करने के लिए लोगों को पैसे दिए गए थे। महिला ने दावा किया था कि उसके साथ पांच लोगों ने दो दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म किया था।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा था कि इस घटना ने उन्हें निर्भया कांड की याद दिला दी। आयोग ने इस संबंध में गाजियाबाद पुलिस को एक नोटिस भी जारी किया था। मालीवाल ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनसे इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर महिला के आरोप झूठे पाए जाते हैं तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
अन्य न्यूज़