परियोजना के लिए चिह्नित जमीन उनके मालिकों से छीनी नहीं जाएगी: पलानीस्वामी

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[email protected] । Jun 7 2019 4:02PM

पलानीस्वामी ने यहां एक फ्लाईओवर का उद्घाटन करने के बाद कहा कि केंद्र सरकार ने क्षेत्र में औद्योगिकीकरण को और बढ़ाने जैसे कारकों पर विचार करने के बाद परियोजना का प्रस्ताव रखा। जबकि राज्य में अन्य कई राष्ट्रीय राजमार्गों को 15 से 20 साल पहले बनाया गया था। उन्होंने कहा कि 2001 से वाहनों की संख्या शत प्रतिशत बढ़ गयी है जिसकी वजह से केंद्र ने आधुनिक सड़कों के प्रस्ताव रखे।

सलेम। सलेम-चेन्नई एक्सप्रेसवे की वकालत कर रहे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि परियोजना के लिए चिह्नित जमीन उनके मालिकों से छीनी नहीं जाएगी और उनके साथ इस मामले पर बातचीत की जाएगी। कुछ दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने 10 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली आठ लेन की हरित कॉरिडोर परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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पलानीस्वामी ने यहां एक फ्लाईओवर का उद्घाटन करने के बाद कहा कि केंद्र सरकार ने क्षेत्र में औद्योगिकीकरण को और बढ़ाने जैसे कारकों पर विचार करने के बाद परियोजना का प्रस्ताव रखा। जबकि राज्य में अन्य कई राष्ट्रीय राजमार्गों को 15 से 20 साल पहले बनाया गया था। उन्होंने कहा कि 2001 से वाहनों की संख्या शत प्रतिशत बढ़ गयी है जिसकी वजह से केंद्र ने आधुनिक सड़कों के प्रस्ताव रखे।

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र ने इस विकासशील क्षेत्र में और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इस परियोजना को लागू करने के लिए कदम उठाये। लेकिन कुछ कारणों से मामला अदालत में है। भूस्वामियों से बातचीत करने और उन्हें मनाने के लिए कदम उठाये जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक केंद्रीय योजना है, राज्य सरकार की नहीं है। जहां तक राज्य सरकार की बात है तो हमारा इरादा परियोजना को थोपने और जमीन हथियाने का नहीं है।’’ इससे पहले भी पलानीस्वामी ने इस बात पर जोर दिया था कि परियोजना केंद्र सरकार की है और राज्य सरकार केवल इसके कार्यान्वयन में मदद कर रही है।

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