दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे, केजरीवाल ने लोगों से नदी किनारे नहीं जाने की अपील की
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है तथा और अधिक लोगों को निकालने की जरूरत नहीं है। पूर्वी दिल्ली के एक अधिकारी ने कहा कि नदी के निकटवर्ती निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज, हाथी घाट और लिंक रोड पर बने तंबू में ले जाया गया है।
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दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “यमुना में जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर, सभी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे नहीं जाएं। हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। विस्थापित लोगों के लिए शिविर लगाए गए हैं जहां उनके रहने और भोजन की व्यवस्था की गई है।” दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर जाती है। तब यमुना के किनारे स्थित स्थानों और बाढ़ संभावित क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से हटा दिया जाता है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बाढ़ संभावित डूब वाले मैदानों के निचले इलाकों से निकाले गए लोगों को तंबू जैसे अस्थायी ढांचे और स्कूलों जैसे स्थायी भवनों के सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।’’ प्रधान सचिव, राजस्व, खिल्ली राम मीणा ने कहा कि उत्तर पूर्वी, पूर्वी और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में नदी के पास स्थित निचले इलाके यमुना में आई बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और लगभग सात हजार लोगों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा, “पूर्वी दिल्ली से पांच हजार, उत्तर पूर्वी दिल्ली से दो हजार और दक्षिण पूर्वी दिल्ली से पांच सौ लोगों को निकाला गया है। उत्तरी, मध्य और शाहदरा जिले में लोगों को किसी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।”
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वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है तथा और अधिक लोगों को निकालने की जरूरत नहीं है। पूर्वी दिल्ली के एक अधिकारी ने कहा कि नदी के निकटवर्ती निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज, हाथी घाट और लिंक रोड पर बने तंबू में ले जाया गया है। दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से पूर्वाह्न दस बजे सात हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी थी। शनिवार दोपहर एक बजे पानी छोड़े जाने की दर 1.49 लाख क्यूसेक और बृहस्पतिवार को दिन में तीन बजे यह दर 2.21 लाख क्यूसेक थी। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है। आम तौर पर हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का प्रवाह बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 14 और 15 अगस्त को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में ‘‘अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के साथ अत्यधिक वर्षा’’ होने की संभावना जताई है।
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