सत्ता संभालते ही येदियुरप्पा का बड़ा फैसला, ‘टीपू जयंती’ समारोह रद्द
वर्ष 2015 में इसके पहले आधिकारिक आयोजन के दौरान कोडागू जिले में व्यापक प्रदर्शनों और हिंसा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता कटप्पा की मौत हो गयी थी
बेंगलुरू। पूर्ववर्ती मैसूर साम्राज्य के 18वीं सदी के विवादित शासक टीपू सुल्तान की जयंती पर आयोजित होने वाले वार्षिक समारोह को कनार्टक की भाजपा सरकार ने मंगलवार को रद्द कर दिया। इस समारोह का आयोजन 2015 से हो रहा था। बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली नयी सरकार ने सत्ता में आने के तीन दिन के भीतर यह आदेश पारित किया। एक दिन पहले ही राज्य विधानसभा में येदियुरप्पा की सरकार ने विश्वासमत हासिल किया था।
Chief Minister BS Yediyurappa led Karnataka Government orders Kannada & Culture Department, to not celebrate Tipu Jayanti. The decision was taken during yesterday's cabinet meeting. (file pic) pic.twitter.com/6slPyDaq8w
— ANI (@ANI) July 30, 2019
सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 2015 में टीपू जयंती के अवसर पर 10 नवंबर को वार्षिक समारोह के आयोजन की शुरुआत की थी और भाजपा एवं अन्य के विरोध के बावजूद एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जदएस की गठबंधन सरकार ने पिछले साल भी इसे जारी रखा था। आदेश में कहा गया है कि विराजपेट के विधायक के. जी. बोपैया ने येदियुरप्पा को पत्र लिखकर राज्य के कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग द्वारा टीपू जयंती के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले वार्षिक समारोहों को रद्द करने का अनुरोध किया। पत्र में उन्होंने ऐसे समारोह को लेकर विशेषकर कोडागू जिले में होने वाले विरोध की ओर ध्यान आकृष्ट किया।
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वर्ष 2015 में इसके पहले आधिकारिक आयोजन के दौरान कोडागू जिले में व्यापक प्रदर्शनों और हिंसा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता कटप्पा की मौत हो गयी थी। भाजपा और दक्षिणपंथी संगठन टीपू को ‘‘धार्मिक कट्टरपंथी’’ बताते हुए जयंती समारोहों का कड़ा विरोध करते रहे हैं।
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