योगी का एक्शन, नोएडा के विवादित SSP वैभव कृष्ण सस्पेंड
प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किए जाने के कारण कृष्ण निलंबित हुए। उन्होंने बताया कि वैभव कृष्ण के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। लखनऊ के एडीजी एसएन साबत जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को उन्हें निलंबित कर दिया। सरकारी प्रवक्ता ने उक्त कार्रवाई की जानकारी दी। सरकार ने एक महिला से चैट के वायरल वीडियो की गुजरात फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही कृष्ण को निलंबित कर दिया। प्रवक्ता ने बताया कि फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पायी गयी, जिसे कृष्ण ने फर्जी बताया था। फॉरेंसिक जांच में सामने आय़ा कि वीडियो ‘एडिटेड और मार्फ्ड’ नहीं था। उल्लेखनीय है कि कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद ही प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच सौंपी गयी थी। जांच के दौरान आईजी ने वीडियो फॉरेंसिक लैब को भेजा था। कृष्ण ने संवाददाता सम्मेलन कर खुद ही जानकारी दी थी और शासन को भेजी गई एक गोपनीय रिपोर्ट लीक कर दी थी।
SSP Noida Vaibhav Krishna has been suspended for violation of service rules, after a video featuring his picture went viral. (file pic) pic.twitter.com/KUuHWpuNrN
— ANI UP (@ANINewsUP) January 9, 2020
प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किए जाने के कारण कृष्ण निलंबित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि वैभव कृष्ण के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। लखनऊ के एडीजी एसएन साबत जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी की ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति जारी है और इसी के तहत वैभव कृष्ण प्रकरण में आरोपों के दायरे में आए सभी पांच आईपीएस अधिकारियों को जिलों से हटाया गया, ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें। इनकी जगह नए अधिकारियों को तैनाती दी गयी है। सभी को तत्काल ज्वाइनिंग के आदेश दिए गए हैं।
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उन्होंने बताया कि तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है। वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी एवं डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है जबकि दो सदस्य आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और एमडी जल निगम विकास गोठलवाल बनाए गए हैं। प्रवक्ता के अनुसार एसआईटी को पंद्रह दिनों के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई कर एक संदेश दिया है। राज्य के इतिहास में पहली बार इस स्तर की कार्रवाई हुई है। इस प्रकरण की जांच में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एसटीएफ भी लगाई गई है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने भी पुलिस बल में ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार को लिखे गए कथित गोपनीय पत्र को लीक किए जाने को लेकर कृष्ण से स्पष्टीकरण मांगा है।
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