योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में देखा आंशिक सूर्यग्रहण का नजारा
मुख्यमंत्री 4:40 बजे नक्षत्रशाला पहुंचे। यहां उन्होंने पहले टेलीस्कोप से और फिर विशेष चश्मे (स्पेशल मल्टीकोटेड ग्लास) व स्पेशल बायनाकुलर से सूर्यग्रहण को देखा। बयान के अनुसार ग्रहण अवलोकन के दौरान वह वैज्ञानिकों से जानकारी भी लेते रहे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम यहां तारामंडल स्थित वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला पहुंचकर आंशिक सूर्यग्रहण का नजारा देखा। मुख्यमंत्री ने टेलीस्कोप और विशेष चश्मे से खगोलीय घटना का अवलोकन करने के साथ ही वैज्ञानिकों से ग्रहण की आवृत्ति, समय और ग्रहों को लेकर जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री मौजूद लोगों को यह भी समझाते रहे कि कोई भी विशेष चश्मे के बिना सूर्यग्रहण न देखे। एक सरकारी बयान के मुताबिक आंशिक सूर्यग्रहण का स्पर्श व मोक्षकाल गोरखपुर में शाम 4:38 बजे से 5:29 बजे तक रहा।
मुख्यमंत्री 4:40 बजे नक्षत्रशाला पहुंचे। यहां उन्होंने पहले टेलीस्कोप से और फिर विशेष चश्मे (स्पेशल मल्टीकोटेड ग्लास) व स्पेशल बायनाकुलर से सूर्यग्रहण को देखा। बयान के अनुसार ग्रहण अवलोकन के दौरान वह वैज्ञानिकों से जानकारी भी लेते रहे। वैज्ञानिकों ने बताया कि गोरखपुर में यह आंशिक सूर्यग्रहण 52 मिनट तक दिखा। बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां खगोलीय घटनाओं को देखने के लिए जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की जाए।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन ग्रहण की प्रवृत्ति के क्रम में आज अमावस्या के दिन आंशिक सूर्यग्रहण की दुर्लभ खगोलीय घटना देखने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड के बहुत से रहस्यों को अभी उद्घाटित किया जाना शेष है। उन्होंने कहा कि इन रहस्यों का पता लगाकर मानव कल्याण का मार्ग और प्रशस्त किया जा सकता है। सूर्यग्रहण देखने नक्षत्रशाला पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साइंस पार्क के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि इसका विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजें।
नक्षत्रशाला की खाली भूमि पर इसका निर्माण किया जाएगा। यहां दो एकड़ के आसपास जमीन खाली है, इसके आधे से भी कम हिस्से में इसका निर्माण हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने तारों की दुनिया का शो देखने के बाद इसके ऑडिटोरियम को थ्री डी बनाने का भी प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने नक्षत्रशाला के लिए जरूरी अन्य कार्यों का भी प्रस्ताव भेजने को कहा।
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