योगी सरकार का दावा, कानून-व्यवस्था की स्थिति में हुआ है कई गुना सुधार
उत्तर प्रदेश सरकार ने आज दावा किया कि वर्तमान समय में पूर्व की सपा सरकार के मुकाबले कानून-व्यवस्था की स्थिति में कई गुना सुधार हुआ है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने आज दावा किया कि वर्तमान समय में पूर्व की सपा सरकार के मुकाबले कानून-व्यवस्था की स्थिति में कई गुना सुधार हुआ है। विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, 'विपक्ष के नेता कानून व्यवस्था को लेकर आरोप लगाते हैं लेकिन वे यह नहीं बताते कि यह सरकार अपराधियों के साथ खड़ी है या सताये गये लोगों के साथ–––किसके साथ खड़ी है सरकार। (विपक्षी नेताओं ने) ये तो बताया कि घटनाएं हुईं लेकिन ये नहीं बताया कि उस अपराधी का हश्र क्या हुआ।'
उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि अपराध शून्य हो जाएंगे लेकिन ये सच्चाई है कि सपा शासन के मुकाबले भाजपा सरकार के समय कानून व्यवस्था में कई गुना सुधार हुआ है। हमने हर कदम पर कोशिश की और अपराधियों पर कार्रवाई की। खन्ना ने स्पष्ट किया कि 'एनकाउंटर' करने की कोई नीति नहीं है लेकिन अगर पुलिस पर अपराधी गोली चलाएगा तो पुलिस आत्मरक्षा में गोली चलाएगी।
देवरिया प्रकरण पर मंत्री ने कहा कि शेल्टर होम ने 2009 में पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। उसे 2012 में मान्यता मिली। उसे एडाप्शन की मान्यता 2014 में मिली। हमारी सरकार के संज्ञान में जैसे ही ये बात आयी वैसे ही उसकी मान्यता को निरस्त किया गया और उसके खिलाफ मुकदमा भी किया गया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि मौजूदा समय में गुंडई, बलात्कार, राहजनी, हत्या और महिला उत्पीडन चरम सीमा पर है। कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। जंगलराज कायम है।
बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले बहुत अच्छा नारा दिया था– 'ना गुंडाराज ना भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार' और जब भाजपा की सरकार बन गयी तो गुंडाराज में दोगुना से ज्यादा बढोतरी हुई। भ्रष्टाचार में भी बडे पैमाने पर विशेषकर कानून व्यवस्था की हिफाजत करने वाली संस्थाओं में भ्रष्टाचार कई गुना बढा है। वहीं उन्होंने कहा कि अपराध को नियंत्रित करने वाली पुलिस और थानों में चाहे कोई भी जिला हो, पुलिस का भ्रष्टाचार कई गुना बढा है। कानून व्यवस्था इसी वजह से ध्वस्त होती जा रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने आज कहा कि राज्य की नौकरशाही पर उसका पूरा नियंत्रण है और अगर किसी अधिकारी ने जन प्रतिनिधि का अपमान या उपेक्षा की, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, 'सरकार का नौकरशाही पर पूरा नियंत्रण है । हम किसी को बचाने के लिए नहीं खडे हैं । अगर कोई जन प्रतिनिधि किसी अधिकारी द्वारा उपेक्षा या अपमान की शिकायत करता है तो हम अवश्य कार्रवाई करेंगे ... चाहे वह कितना भी बडा अधिकारी क्यों ना हो ।'
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