YSR कांग्रेस ने दिखाई सभ्यता की मिसाल, सदन से मांगी माफी
आसन से अनुमति मिलने पर रेड्डी ने कहा कि मुझे कल की घटना पर खेद है। उन्होंने यह भी कहा कि कल का मुद्दा अत्यंत भावनात्मक था।
नयी दिल्ली। आसन से अनुमति मिलने पर विजयसाई रेड्डी ने कहा कि मुझे कल की घटना पर खेद है। उन्होंने यह भी कहा कि कल का मुद्दा अत्यंत भावनात्मक था और उन्हें लगा कि उच्च सदन में आंध्रप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद उन्हें अपनी बात रखने के लिए समुचित अवसर नहीं दिया जा रहा है। रेड्डी ने यह भी कहा कि कल की घटना के बाद उन्होंने गोयल से मुलाकात कर उन्हें स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि उनका इरादा आसन पर संदेह जताने का नहीं था।
सभापति नायडू ने कहा कि गलतियां मनुष्य का स्वभाव है। लेकिन वरिष्ठ नेताओं को सोचना चाहिए कि जब आसन ने चर्चा के लिए समय आवंटित किया है तो हर सदस्य सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल अपनी बात इस तरह रखी कि हर व्यक्ति सोचने लगा। उनका उद्देश्य भी पूरा हो गया। वह तो नहीं चिल्लाए थे। नायडू के अनुसार, सिंह ने सदन को बताया कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून सदन में विपक्ष के तत्कालीन नेता के साथ विचारविमर्श कर पारित किया गया था।
उन्होंने कहा कि अपनी बात रखने का एक तरीका होता है। मेरे लिये किसी को भी रूकने, बैठने के लिए कहना पीड़ादायी होता है। उल्लेखनीय है कि कल सदन में आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर हुई अल्पकालिक चर्चा के दौरान विजय साई रेड्डी ने कुछ प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए सदन से वाकआउट किया था। उनकी टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया था।
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