जाकिर नाइक गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त: पुलिस रिपोर्ट

[email protected] । Aug 10 2016 11:08AM

इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक को मुम्बई पुलिस ने ‘‘अभ्यारोपित’’ किया है और उसे कथित तौर पर संभावित आतंकवादी संबंधों के साथ गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है।

मुम्बई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि विवादास्पद इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक को मुम्बई पुलिस ने ‘‘अभ्यारोपित’’ किया है और उसे कथित तौर पर संभावित आतंकवादी संबंधों के साथ गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया है। फडणवीस ने कहा कि इस्लामी प्रचारक नाइक के खिलाफ एक पुख्ता मामला तैयार किया जा रहा है जिसका संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) भी जांच के घेरे में है और उसे प्रत्यर्पित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। नाइक वर्तमान में विदेश में है।

नाइक के कथित भड़काऊ भाषणों की जांच कर रही मुम्बई पुलिस ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को सौंप दी। मुम्बई पुलिस से कहा गया था कि वह नाइक के आनलाइन उपलब्ध पूर्व के भाषणों की जांच करे ताकि यह देखा जा सके कि क्या उनमें से किसी ने युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया होगा। ऐसी खबरें थीं कि उसके भाषणों ने ढाका आतंकवादी हमलों में शामिल कुछ आतंकवादियों को प्रेरित किया था। गृह प्रभार भी संभालने वाले फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘रिपोर्ट में उसके (नाइक) द्वारा अन्य धर्म के बारे में टिप्पणी और अनादर किये जाने के बारे में उल्लेख किया गया है। नाइक के इस कार्य से समाज में सौहार्द बिगड़ सकता है। रिपोर्ट में उन देशों के बारे में भी जानकारी है जिन्होंने उसे या उसके संगठन को प्रतिबंधित किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार रिपोर्ट पर गौर कर रही है जिसके कई पहलू हैं जो कि केंद्र के क्षेत्राधिकार वाले हैं।’’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी और आगे की कार्रवाई उसके दिशानिर्देश के तहत की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट में ऐसे अवैध और गैरकानूनी गतिविधियों (कथित तौर पर नाइक और आईआरएफ की संलिप्तता वाले) के बारे में कई खुलासे हैं जो देश हित में नहीं हैं।’’

इस तरह के प्रतिबंधों में शामिल आधारों में धार्मिक समुदायों के बीच घृणा का प्रसार करना और सदस्यों का जबरन धर्मांतरण करना शामिल है। सूत्रों ने बताया कि यद्यपि आईआरएफ को प्रश्नावलियों का जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा जो यह जानना चाहती है कि क्या एनजीओ एफसीआरए नियमों का पालन कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने पहले ही आईआरएफ द्वारा बड़ा उल्लंघन करने की बात कही है कि यह शैक्षणिक उद्देश्य के तहत पंजीकृत किए जाने के बावजूद धार्मिक और धर्म से जुड़े उद्देश्यों के लिए धन को हासिल और इस्तेमाल कर रही है। सूत्रों ने बताया कि जवाब मिलने के बाद गृह मंत्रालय का दल आईआरएफ के खातों का निरीक्षण करेगा। अगर निरीक्षण में एफसीआरए के उल्लंघन की पुष्टि होती है तो कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है। गृह मंत्रालय आईआरएफ के एफसीआरए पंजीकरण को रद्द करने के लिए कदम उठाएगा, अगर कारण बताओ नोटिस का जवाब इसे संतुष्ट करने में विफल रहता है।

इस बीच गृह मंत्रालय ने विवादास्पद इस्लामी प्रवचनकर्ता जाकिर नाइक के एक एनजीओ के खिलाफ विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउन्डेशन (आईआरएफ) को मानक प्रश्नावली भेजी गई जब प्रारंभिक जांच में पाया गया कि नाइक द्वारा संचालित एनजीओ ने कथित तौर पर 2012 से पहले पांच वर्ष के दौरान तकरीबन 15 करोड़ रुपये हासिल किए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आईआरएफ को विशेष एफसीआरए खाता समेत उसके बैंक खातों का विवरण हासिल विदेशी चंदे की राशि और शुरूआत से उसका इस्तेमाल का विवरण भी शामिल है।

प्रारंभिक जांच में पाया गया कि आईआरएफ का ज्यादातर विदेशी चंदा ब्रिटेन, सऊदी अरब और पश्चिम एशिया के कुछ अन्य देशों से आया। गृह मंत्रालय की जांच उन आरोपों को भी कवर करेगी कि आईआरएफ को मिले विदेशी चंदे का इस्तेमाल राजनैतिक गतिविधियों के लिए किया गया। सूत्रों ने बताया कि वह इन आरोपों की भी जांच करेगी कि एनजीओ के धन का इस्तेमाल लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए लुभाने और युवाओं को आतंक की ओर आकषिर्त करने के लिए किया गया।

इस बीच, सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय को हाल में दी गई कानूनी राय में आईआरएफ को गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत गैर कानूनी संगठन घोषित करने का समर्थन किया गया है।

इस तरह के प्रतिबंधों में शामिल आधारों में धार्मिक समुदायों के बीच घृणा का प्रसार करना और सदस्यों का जबरन धर्मांतरण करना शामिल है। सूत्रों ने बताया कि यद्यपि आईआरएफ को प्रश्नावलियों का जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा जो यह जानना चाहती है कि क्या एनजीओ एफसीआरए नियमों का पालन कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने पहले ही आईआरएफ द्वारा बड़ा उल्लंघन करने की बात कही है कि यह शैक्षणिक उद्देश्य के तहत पंजीकृत किए जाने के बावजूद धार्मिक और धर्म से जुड़े उद्देश्यों के लिए धन को हासिल और इस्तेमाल कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि जवाब मिलने के बाद गृह मंत्रालय का दल आईआरएफ के खातों का निरीक्षण करेगा। अगर निरीक्षण में एफसीआरए के उल्लंघन की पुष्टि होती है तो कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है। गृह मंत्रालय आईआरएफ के एफसीआरए पंजीकरण को रद्द करने के लिए कदम उठाएगा, अगर कारण बताओ नोटिस का जवाब इसे संतुष्ट करने में विफल रहता है।

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