Priyanka Goswami से भारत को पेरिस ओलंपिक में पदक की उम्मीदें, पैदल चाल में पेश करेंगी दावा
प्रियंका गोस्वामी ने 20 किलोमीटर पैदल चाल में गोल्ड मेडल जीतकर ओलिंपिक के लिए क्वॉलीफाई कर लिया है। एक घंटा 28 मिनट 50 सेकंड के समय के साथ विश्व चैंपियनशिप और 2024 ओलंपिक दोनों के लिए टिकट कटा लिया है। फिलहाल प्रियंका एथलेटिक्स से 2024 खेलों के लिए क्वॉलीफाई करने वाली पहली भारतीय हैं।
उत्तर प्रदेश की प्रियंका गोस्वामी ने 20 किलोमीटर पैदल चाल में गोल्ड मेडल जीतकर ओलिंपिक के लिए क्वॉलीफाई कर लिया है। एक घंटा 28 मिनट 50 सेकंड के समय के साथ विश्व चैंपियनशिप और 2024 ओलंपिक दोनों के लिए टिकट कटा लिया है। फिलहाल प्रियंका एथलेटिक्स से 2024 खेलों के लिए क्वॉलीफाई करने वाली पहली भारतीय हैं। टोक्यो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी 26 बरस की प्रियंका ने 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10,000 मीटर पैदल चाल स्पर्धा में सिल्वर जीता था। प्रियंका का लक्ष्य 2024 पेरिस ओलंपिक में पदक जीतना है।
प्रियंका गोस्वामी का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा है। रोडवेज ने प्रियंका के पिता परिचालक मदनपाल गोस्वामी की नौकरी छीन ली थी। प्रियंका ने पिता की नौकरी जाने के बाद कमजोर आर्थिक स्थिति और अन्य मुश्किलों का सामना कर ओलंपिक तक का सफर तय किया है। 2006 में मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना क्षेत्र के सागड़ी गांव से मदनपाल गोस्वमी, पत्नी अनीता गोस्वामी और दोनों बच्चों कपिल व प्रियंका को लेकर मेरठ आ गए थे। पिता मदनपाल रोडवेज में परिचालक थे। मदनपाल का कहना है कि 2010 में रोडवेज के उच्चाधिकारियों ने मिलीभगत कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी और नौकरी से निलंबित करा दिया।
नौकरी की बहाली के लिए मदनपाल अधिकारियों के चक्कर काटते रहे। परिवार चलाने और बच्चों की पढ़ाई के लिए मदनपाल ने किराए पर टैक्सी चलाई, किराना स्टोर खोला और आटा चक्की चलाकर न केवल बच्चों को पढ़ाई जारी रखी, बल्कि उन्हें खेलों के साथ जोड़ा। प्रियंका ने कनोहरलाल गर्ल्स स्कूल और बीके माहेश्वरी से स्कूली शिक्षा पूरी की। बीए की पढ़ाई उसने पटियाला में की। इस दौरान पिता उसे हर माह जैसे-तैसे 4 से 5 हजार रुपये भेजते थे। पिता ने बताया प्रियंका एक समय का खाना खुद बनाती तो एक समय का खाना गुरुद्वारा के लंगर में खाती थी। 2011 में पहला पदक हासिल करने के बाद प्रियंका ने पीछे मुडकर नहीं देखा। पदक की मिलने वाली राशि से परिवार चलाया। प्रियंका का छोटा भाई कपिल गोस्वामी बॉक्सिंग में प्रदेश स्तर तक खेला है।
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कपिल ने पटियाला में रहना छोड़ दिया और मेरठ लौट आया। फिलहाल, वह निजी कंपनी में नौकरी कर रहे हैं। 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स में प्रियंका ने 20 किमी रेस वॉक में चौथा स्थान हासिल किया। 2021 में उन्होंने राष्ट्रीय ओपन रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में 20 किमी रेस वॉक में स्वर्ण पदक जीता। प्रियंका ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि वहां उन्हें निराशा हाथ लगी और वो 17वें स्थान पर रहीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत जारी रखी। 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रियंका ने 10 किमी रेस वॉक में 43 मिनट 38.82 सेकंड का समय निकालते हुए रजत पदक जीता। यह इस स्पर्धा में भारत का पहला पदक था। प्रियंका ने इस उपलब्धि से पूरे देश का दिल जीत लिया।
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