Paris Paralympics 2024: पैरालंपिक में शीतल देवी ने रचा इतिहास, महिला सिंगल्स कंपाउंड आर्चरी में रिकॉर्ड ध्वस्त करके क्वार्टर फाइनल में पहुंची

 Sheetal Devi
प्रतिरूप फोटो
ANI
Kusum । Aug 29 2024 8:49PM

महिला सिंगल्स कंपाउंड आर्चरी के क्वालिफिकेशन राउंड में भारत की युवा एथलीट शीतल देवी और तुर्की की गिर्डी ओजनुर, दोनों ने वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। शीतल देवी क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में पैरालंपिक 2024 का आयोजन हो रहा है। जहां गुरुवार से भारतीय एथलीट्स ने अपने अभियान का आगाज किया। पैरालंपिक 2024 के पहले दिन भारत के लिए मिलाजुला रहा, जहां पैरा बैडमिंटन में किसी एथलीट ने जीत के साथ शुरुआत की तो किसी को हार झेलनी पड़ी। इसी कड़ी में महिला सिंगल्स कंपाउंड आर्चरी के क्वालिफिकेशन राउंड में भारत की युवा एथलीट शीतल देवी और तुर्की की गिर्डी ओजनुर, दोनों ने वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। शीतल देवी क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं। 

पहले क्वालीफिकेशन राउंड में वर्लड रिकॉर्ड स्कोर 698 था। लेकिन ओजनुर और शीतल क्रमश: 704 और 703 अंक बटोर कर वर्ल्ड रिकॉर्ड से आगे निकल गई हैं। इससे पहले महिला सिंगल्स कंपाउंड आर्चरी के क्वालीफिकेशन राउंड में शीतल देवी 408 अंकों के साथ टॉप रहीं। 

बता दें कि जम्मू कश्मीर की एक छोटे गांव किश्तवाड़ की रहने वाली शीतल ने बिना हाथों के देश के लिए पैरालंपिक में देश को मेडल जीतना का जिम्मा उठाया है। 17 वर्षीय शीतल के जन्म से ही दो हाथ नहीं हैं। वह फोकोमेलिया नाम की बीमारी से जन्मजात पीड़ित हैं। लेकिन उन्होंने जिंदगी में कभी भी हार नहीं मानी। वह पैरों से ही तीरंदाजी करती हैं। शीतल देवी कुर्सी पर बैठी हैं, अपने दाहिने पैर से धनुष उठाती हैं और फिर दाहिने कंधे से डोरी खींचती हैं और अपने जबड़े की ताकत से तीर छोड़ती हैं। उनकी इस कला को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। 

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