Paris Paralympics 2024: पैरा बैडमिंटन में भारत को मिलेगा पहला मेडल, नितेश कुमार गोल्ड के लिए भिड़ेंगे फाइनल में
पैरालंपिक 2024 में शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय पैरा बैडमिंटन नितेश कुमार ने सेमीफाइनल में बेहतरी प्रदर्शन कर जीत दर्ज की। जिसके बाद अब वह सोमवार 2 सितंबर को गोल्ड मेडल के लिए फाइनल में भिड़ेंगे। वहीं सेमीफाइनल में नितेश ने जापान के डाइसुके फुजिहारा पर सीधे गेम में हराकर पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर पदक सुनिश्चित कर दिया।
रविवार को पेरिस पैरालंपिक 2024 में शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय पैरा बैडमिंटन नितेश कुमार ने सेमीफाइनल में बेहतरी प्रदर्शन कर जीत दर्ज की। जिसके बाद अब वह सोमवार 2 सितंबर को गोल्ड मेडल के लिए फाइनल में भिड़ेंगे। वहीं सेमीफाइनल में नितेश ने जापान के डाइसुके फुजिहारा पर सीधे गेम में हराकर पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर पदक सुनिश्चित कर दिया।
दरअसल, 29 वर्षीय नितेश कुमार ने 48 मिनट तक चले सेमीफाइनल में जापान के फुजिहारा पर 21-16 21-12 से जीत के साथ अपना दबदबा दिखाया। बता दें कि, 2009 में हुई एक दुर्घटना में नितेश का पैर स्थायी रूप से विकलांग हो गया था। आईआईटी मंडी के स्नातक नितेश ने इस तरह सुनिश्चित किया कि भारत एसएल3 वर्ग से पदक के साथ लौटे। प्रमोद भगत ने तीन साल पहले तोक्यो में पैरा बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता था।
वहीं, एसएल3 वर्ग के खिलाड़ी निचले अंगों की विकलांगता के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। नितेश का सामना सोमवार को फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा जिन्होंने दूसरे सेमीफाइनल में थाईलैंड के बन्सन मोंगखोन को 21-7, 21-9 से हराया। तोक्यो पैरालंपिक में प्रमोद भगत के बाद दूसरे स्थान पर रहे बेथेल अब नितेश के लिए एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं।
नितेश की खेल यात्रा की शुरुआत बचपन में फुटबॉल के प्रति जुनून के साथ शुरू हुई। उन्हें हालांकि विशाखापत्तनम में एक दुर्घटना के कारण महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा। इस दुर्घटना में उनका पैर स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बावजूद, खेलों में उनकी रुचि बनी रही। आईआईटी-मंडी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने बैडमिंटन में गहरी रुचि जागी।
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