मिसाइलों को बनाया सख्त पर खुद नरमदिल थे डॉ. कलाम

डॉ. कलाम जी का सिध्दांत था कि जो लोग जिम्मेदार, सरल, ईमानदार एवं मेहनती होते हैं, उन्हें ईश्वर द्वारा विशेष सम्मान मिलता है क्योंकि वे इस धरती पर उसकी श्रेष्ठ रचना हैं। उनका यह सिध्दांत उन्हीं पर लागू होता था।

भारत माँ के महान सपूत, मिसाइल मैन, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, महान वैज्ञानिक, महान दार्शनिक, सच्चे देशभक्त ना जाने कितनी उपाधियों से पुकारा जाता था भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी को। वह सही मायने में भारत रत्न थे। इन सबसे भी बढ़कर डॉ. अब्दुल कलाम एक अच्छे इंसान थे। जिन्होंने जमीन से जुड़े रहकर ‘‘जनता के राष्ट्रपति’’ के रूप में लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनायी थी। एक ऐसे इंसान जो बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों सभी के बीच में लोकप्रिय थे। देश का हर युवा, बच्चा उन्हें अपना आदर्श मानता है और डॉ. कलाम की तरह बनना चाहता है।
 
डॉ. कलाम देश के पहले कुंवारे राष्ट्रपति थे। बेशक डॉ. कलाम कुंवारे थे लेकिन देश का हर युवा उनकी संतान की तरह था। देश के करोड़ों बच्चे और युवा उनकी संतान थे। डॉ. कलाम का बच्चों और युवाओं के प्रति खास लगाव था। इसी लगाव के कारण मिसाइल मैन ने बच्चों और युवाओं के दिल में खास जगह बनाई थी। डॉ. कलाम ने देश में मिसाइलों का निर्माण कर भारत की सुरक्षा को नए आयाम दिए। उन्होंने अपनी मिसाइलों द्वारा पाकिस्तान और चीन को अपनी जद में ला दिया। उन्हीं की वजह से आज कोई भी देश भारत को आँख दिखाने से पहले दस बार सोचता है। यह डॉ. कलाम की ही दृढ़ इच्छाशक्ति थी जिन्होंने अत्याधुनिक रक्षा तकनीक की भारत की चाह को साकार किया। चाहे परमाणु हथियार हों, चाहे देश का अंतरिक्ष कार्यक्रम हो, चाहे बैलेस्टिक मिसाइल परियोजना, या लड़ाकू विमान परियोजना हो, सभी में उनके अतुलनीय योगदान ने उनके नाम को हर भारतीय की जुबां पर ला दिया और उन्हें देश का हीरो बना दिया।

डॉ. कलाम की बातें और विचार सदा तर्कपूर्ण होते थे और उनके विचारों में जवान सोच झलकती थी। यही झलक उन्हें युवाओं में लोकप्रिय बनाती थी। डॉ. कलाम कहते थे कि ‘सपने वो नहीं होते जो रात को सोते समय नींद में आयें, सपने वो होते हैं जो रातों में सोने नहीं देते’ और हमेशा से लोगों से कहते थे कि 'सपने देखो और वो भी ऊँचे सपने देखो और तब तक देखते रहो जब तक कि वो पूरे न हों'। डॉ. कलाम सादा जीवन, उच्च विचार तथा कड़ी मेहनत में विश्वास करते थे और उन्होंने इन्हीं बातों को अपने जीवन में उतारा और बुलंदियों तक पहुंचे। डॉ. कलाम अपने जीवन को बहुत अनुशासन में जीते थे। वह शाकाहार और ब्रह्मचर्य का पालन करने वालों में से थे। कहा जाता है कि वह कुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे, डॉ. कलाम हर धर्म में विश्वास करने वाले थे और वे हर धर्म के धर्मगुरुओं से मिलते थे। डॉ. कलाम ने एक मुस्लिम परिवार में जन्म लिया लेकिन वो हिन्दू धर्म में भी उतनी ही आस्था रखते थे जितनी कि मुस्लिम धर्म में।

डॉ. कलाम जी का सिध्दांत था कि जो लोग जिम्मेदार, सरल, ईमानदार एवं मेहनती होते हैं, उन्हें ईश्वर द्वारा विशेष सम्मान मिलता है क्योंकि वे इस धरती पर उसकी श्रेष्ठ रचना हैं। उनका यह सिध्दांत उन्हीं पर लागू होता था, क्योंकि डॉ. कलाम वास्तव में एक सरल, ईमानदार और मेहनती व्यक्ति थे और ईश्वर द्वारा धरती के लिए की गयी श्रेष्ठ रचना थे और उनके जाने के बाद ईश्वर के यहाँ भी उन्हें वही सम्मान मिलेगा जो उन्हें इस धरती पर मिला।

डॉ. कलाम हमेशा कहते थे कि किसी के जीवन में उजाला डालो। वास्तव में डॉ. कलाम भारत देश के लोगों के जीवन में अपनी महान उपलब्धियों और अपने विचारों का ऐसा उजाला डाल कर गए हैं जो कि देश के नौजवानों को सदा राह दिखाते रहेंगे। डॉ. कलाम सदा मुस्कुराहट का परिधान पहने रहते थे उनकी मुस्कुराहट उनकी आत्मा के गुणों को दर्शाती थी। उनकी आत्मा सच में एक पवित्र आत्मा थी जिसे दैवीय शक्ति प्राप्त थी। डॉ. कलाम की ईमानदारी, शालीनता, सादगी और सौम्यता हर किसी का दिल जीत लेती थी। उनके जीवन दर्शन ने भारत के युवाओं को एक नई प्रेरणा दी। करोड़ों लोगों के वह रोल मॉडल हैं। डॉ. कलाम सही मायनों में कर्मयोगी थे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़