नया मंत्रालय सँभालते ही अनुराग ठाकुर ने व्यवस्थाओं को कर दिया दुरुस्त

Anurag Thakur
विजय शर्मा । Jul 29 2021 12:26PM

अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चौथी बार सांसद चुने गए हैं। 2008 में वह पहली बार लोकसभा उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके अनुराग ठाकुर को 2019 में मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था।

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चौथी बार सांसद बने नए सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर पर मोदी सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने की बड़ी चुनौती है। उनका कहना है कि मोदी सरकार ने पिछले सात सालों में काफी विकास किया है और वह भी इस मिशन में सहभागी हैं और नई जिम्मेदारी को बखूबी पूरा करेंगे। उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लेते हुए मीडिया से भी अपील की है कि वह उनका सहयोग करें और संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों को भी मीडिया के साथ टीम की तरह काम करने का निर्देश दिया है तथा बदलते दौर में मीडिया की जरूरतों के हिसाब से सही और सटीक जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।

अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चौथी बार सांसद चुने गए हैं। 2008 में वह पहली बार लोकसभा उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके अनुराग ठाकुर को 2019 में मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था। हालिया मंत्रिमंडल विस्तार में अनुराग ठाकुर का प्रमोशन किया गया है। अनुराग ठाकुर ने महज 47 साल की उम्र में यह मुकाम हासिल किया है और यह उनकी अनवरत मेहनत के कारण संभव हुआ है। उन्हें सूचना व प्रसारण मंत्री बनाया गया है, साथ ही उन्हें खेल और युवा विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संभालते ही उन्होंने अधिकारियों को मीडिया से उचित बर्ताव करने व सरकारी योजनाओं को सटीक और सहज तरीके से मीडिया तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। अनुराग ठाकुर को पार्टी या सरकार में अब तक जो भी जिम्मेदारी दी गई है वह उसको पूरा करने में जी-जान लगा देते हैं और उनकी इस सक्रियता के कारण ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास ही सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचाने का जिम्मा है। मंत्रालय मीडिया के जरिए अपनी बात जनता तक पहुंचाता है। लिहाजा अनुराग ठाकुर इस कोशिश में हैं कि जनता तक सही और सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए मीडिया को दी जाने वाली सामाग्री का प्रस्तुतिकरण इस तरह से हो कि उसे प्रकाशित या प्रसारित करने में परेशानी नहीं आए।

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भाजपा के युवा चेहरे अनुराग ठाकुर अब सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में सरकार का चेहरा बन गए हैं। उनके सामने सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के अलावा नए आईटी एक्ट के तहत डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने के विरोध एवं प्रस्तावित सिनेमैटोग्राफ एक्ट में संशोधन करने के विरोध से निपटने एवं इसका समाधान निकालने व टेलीविज़न रेटिंग की नई व्यवस्था लागू करने की चुनौती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री को सरकार का प्रवक्ता माना जाता है। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए संयम और वाकपटुता अपरिहार्य है और अनुराग ठाकुर इस कसौटी पर खरे उतरते हैं और और हिन्दी और अंग्रेजी में समान पकड़ उनकी ताकत है।

अनुराग ठाकुर को राजनीति विरासत में मिली है और उन्हें इसका लाभ भी मिलता रहा है। पिछले तीन दशकों से हमीरपुर भाजपा का गढ़ रहा है और इसकी राजनीति प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के इर्द-गिर्द घूमती रही है। प्रेम कुमार धूमल अनुराग ठाकुर के पिता हैं और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और दो बार ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अनुराग ठाकुर पर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है और इसे वह बखूबी निभाने में सफल भी हुए हैं। मोदी सरकार की दूसरी पारी में वित्त राज्यमंत्री रहते हुए भी वह वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की हर प्रेस कांफ़्रेंस में मौजूद रहते थे और हिंदी अनुवाद करके हिंदीभाषी मीडिया और जनता तक सरकार की आवाज पहुंचाते थे। हरियाणा में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनवाने के लिए दुष्यंत चौटाला से गठबंधन कराने में भी उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई थी। दूसरे प्रदेशों में भी चुनाव प्रबंधन एवं क्राईसिस मैनेंटमेंट के समय वह मुख्य भूमिका निभाते आये हैं।

  

अनुराग ठाकुर राष्ट्रीय मुद्दों पर संसद में अपनी आवाज जोरदार ढंग से रखते आये हैं और क्रिकेट का वजह से वह युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं। हिमाचल में खेलों और विशेषकर क्रिकेट के लिए उन्होंने काफी काम किया है और हिमाचल में रेल विस्तार को बढ़ाने के लिए वह लगातार सक्रिय रहे हैं। 47 वर्षीय अनुराग ठाकुर के खाते में उपलब्धियां भी बहुत हैं। खेलों को बढ़ावा देने के लिए वह युवावर्ग में लोकप्रिय हैं। युवावर्ग के लिए उन्होंने कई ओपन जिम सांसद कोटे से खोलने को मंजूरी दी है। क्रिकेट की सबसे शक्तिशाली ईकाई बीसीसीआई के भी वह अध्यक्ष रह चुके हैं। युवा मोर्चे का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कलकत्ता से श्रीनगर तक राष्ट्रीय एकता यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न करके श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। धर्मशाला में बना खूबसूरत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी इन्हीं की देन है। 2011 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार मिला था तथा वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम का यंग ग्लोबल लीडर का सम्मान भी उन्हें मिला है।

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अनुराग ठाकुर संसदीय सत्रों में ज्यादातर भाग लेते हैं और संसद में उन्होंने राष्ट्रहित के कई मुद्दे उठाये हैं, जिनमें सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय मामले, राष्ट्रीय सुरक्षा और कॉमनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। वह हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार/रखरखाव, नई ट्रेनों की शुरुआत और रेल लिंक के विस्तार, तकनीकी संस्थानों एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना, पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन की शुरूआत, हिमालयी राज्यों के विकास के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड के गठन के मुद्दों को तत्परता और प्रभावशाली ढंग से उठाते आये हैं और पार्टी तथा संसद की विभिन्न समितियों में विभिन्न पदों पर रहे हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व और वीर सैनिकों के सम्मान में एक युद्ध स्मारक और संग्रहालय के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

अनुराग ठाकुर ने सांसद निधि से अपने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में सामुदायिक केंद्र, महिला मंडल भवन, युवक मंडल, सराय, श्मशान घाट, सड़कों, सौर प्रकाश और खेल मैदानों का निर्माण करवाया है। नई ट्रेनें जैसे कि नांदेड़ साहिब एक्सप्रेस, हरिद्वार एक्सप्रेस, जनशताब्दी और हिमाचल एक्सप्रेस की शुरुआत के लिए दृढ़ता से प्रयास किया है। उनके प्रयासों से अम्ब-इन्दोरा तक नंगल-ऊना-तलवाड़ा रेल लाइन का विस्तार भी संभव हुआ है और हमीरपुर तक रेललाइन के विस्तार की योजना भी उनके प्रयासों से ही संभव हो सकी है। 29 जुलाई 2016 को अनुराग ठाकुर एक रेग्युलर ऑफिसर के तौर पर टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए थे और इस वर्ष उन्हें कैप्टन के रूप में प्रमोशन मिला है। इस तरह भाजपा में रहते हुए अनुराग आर्मी-मैन बनने वाले पहले शख्स बने हैं। हालांकि टेरिटोरियल आर्मी में पहले भी बहुत-सी हस्तियां शामिल होती रही हैं और सेना जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसा करती है।

-विजय शर्मा

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