दो बेगुनाहों की हत्या से उबला रहा है असम, क्या यही हैं अच्छे दिन?

Assam lynching is a black spot on sonowal government
दिनकर कुमार । Jun 18 2018 3:30PM

असम के कार्बी आंगलोंग के पंजूरी में बीते 8 जून को निलोत्पल दास (29) और उसके दोस्त अभिजीत नाथ (30) को उनके वाहन से खींचकर गांव वालों के एक समूह ने बच्चा चुराने के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला था।

असम के कार्बी आंगलोंग के पंजूरी में बीते 8 जून को निलोत्पल दास (29) और उसके दोस्त अभिजीत नाथ (30) को उनके वाहन से खींचकर गांव वालों के एक समूह ने बच्चा चुराने के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला था। नीलोत्पल दास संगीतकार और साउंड इंजीनियर थे। वहीं अभिजीत नाथ इंजीनियर ग्रेजुएट थे और वह गुवाहाटी में व्यापार भी करते थे। चश्मदीदों का कहना है कि लोगों को खबर मिली थी कि अपहरण किए गए बच्चे कुछ लोगों के साथ एक काली गाड़ी में उसी इलाके में देखे गए हैं। जिसके बाद उन युवकों की कार को देखते ही भीड़ ने उसे रुकवा लिया और दोनों युवकों को बाहर निकाल कर उनकी पिटाई शुरू कर दी। कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की, लेकिन भीड़ में शामिल लोग नहीं माने। इनमें से कई लोग शराब के नशे में थे। इस घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें दोनों युवक रहम की भीख मांगते हुए अपनी पहचान बता रहे हैं, इस दौरान उनके चेहरे और शरीर से खून बह रहा है।

पुलिस अधीक्षक एसपी गंजाला ने बताया कि कार्बी आंगलांग पुलिस ने डोकमोका पुलिस थाने के तहत आने वाले बेलुरघाट इलाके से मुख्य आरोपी जोज तिमुंग उर्फ ‘अल्फा’ को गिरफ्तार किया है। यह घटना इसी पुलिस थाना क्षेत्र में हुई थी। एसपी ने बताया कि ऐसा आरोप है कि तिमुंग ने फोन पर गांव वालों से दोनों युवकों के वाहन को रोकने के लिए कहा तथा यह अफवाह फैलाई कि वे बच्चा चुराने वाले लोग हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया था लेकिन वह फरार था। आखिरकार उसे पकड़ लिया गया। तिमुंग कांगथिलांग्सो गांव का रहने वाला है, जो एक पिकनिक स्थल है और बीते आठ जून को मार डाल गए दोनों युवक वहां गए थे। वहीं पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस हत्या के संबंध और घृणा संदेश व अफवाहें फैलाने के आरोप में अब तक 64 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल फोन से इसकी रिकॉर्डिंग कर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। इस घटना को लेकर पूरे राज्य में प्रदर्शन जारी हैं। इस बर्बर घटना ने एक बार फिर डिजिटल जगत के स्याह पहलू को उजागर किया है। दोनों युवकों के बारे में भ्रामक खबर सोशल मीडिया के जरिये ग्रामीणों के बीच फैलाई गई कि वे बच्चा चोर थे। इस गलतफहमी में आकर ग्रामीणों ने दोनों निर्दोष युवकों को पीट-पीट कर मार डाला। इस तरह की घटना पहले झारखंड सहित देश के दूसरे हिस्सों में भी घट चुकी है। फर्जी खबरों या अफवाहों को सोशल मीडिया के आने से जैसे पंख से लग गए हैं। इसकी वजह से अफवाह अब और तेजी से लोगों तक पहुंच रही है। काफी वक्त से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें कई बेकसूर लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। पिछले सिर्फ 2 महीनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। छेड़छाड़ किए गए वीडियो के जरिए बात को बढ़ा-चढ़ाकर अफवाहें फैलाई जाती हैं।

इस घटना के एक सप्ताह बाद मृतक अभिजीत नाथ की मंगेतर की बहन आइरीन गोगोई ने फेसबुक पर घटना के दिन का लोमहर्षक वर्णन लिखा है और बताया है कि हत्यारे किस तरह क्रूरता का परिचय दे रहे थे और दो बेकसूर युवकों की जान लेते हुए आसुरी उन्माद का प्रदर्शन कर रहे थे। 8 जून को आइरीन शाम 8.05 बजे जब अपने दफ्तर का काम समेट रही थीं तभी उनकी छोटी बहन ने घबराए हुए अंदाज में उनको फोन कर बताया कि किसी आदमी ने अभिजीत का फोन छीनकर उसे फोन किया है।

गोगोई ने लिखा है, ''मेरी बहन ने उस आदमी से कहा कि अभिजीत से बात करवाओ, उस आदमी ने टूटी-फूटी असमिया में कहा कि बात नहीं हो सकती। बहन ने पूछा कि वह कहां है तो उस आदमी ने कहा- वह मर चुका है, हमने उसे मार डाला है, उसकी लाश सड़क पर पड़ी हुई है। बहन ने गिड़गिड़ाते हुए कहा- कृपया ऐसा मत कहो, अभिजीत को छोड़ दो। उस आदमी ने पूछा- तुम कौन हो? बहन ने कहा- मैं उसकी मंगेतर हूं। उस आदमी ने कहा- अब वह तुम्हें नहीं मिलेगा। हमने उसे मार डाला है। उसने पूछा- अभिजीत कहां का रहने वाला था। बहन ने कहा- गुवाहाटी। आदमी ने कहा- वह कभी गुवाहाटी नहीं लौट पायेगा। उसकी मौत की खबर कल अख़बार में पढ़ लेना।”

गोगोई ने लिखा है कि हत्यारे की आवाज से आसुरी ख़ुशी झलक रही थी और वह दो युवकों की हत्या करने के बाद बेहद खुश लग रहा था। अभिजीत और नीलोत्पल एक दुर्लभ प्रजाति की मछली की तलाश में कार्बी आंगलोंग गए थे। अभिजीत को मुंबई के एक मछली पालक ने इस बात की जानकारी दी थी। अभिजीत को मछली पालने का शौक था। अभिजीत ने तीन कुत्ते भी पाल रखे थे।

इस संबंध में पुलिस ने परामर्श जारी किया है और लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाहें नहीं फैलाने को कहा है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। इस बीच, असम सरकार ने अंधविश्वास और अफवाहों से होने वाली ऐसी घटनाओं को देखते हुए सभी विकास मंडलों और पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और किसान नेता अखिल गोगोई ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की और आरएसएस-भाजपा पर असल मुद्दों से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए राजनीति करने का आरोप लगाया।

बीते 12 जून को नीलोत्पल के माता-पिता गोपाल चंद्र दास और राधिका दास ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। साथ ही उन्होंने लोगों से इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देने की भी अपील की। इस मामले में यह भी पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया है कि कहीं इसमें पुलिस की ओर से कोई लापरवाही तो नहीं बरती गई। जांच का आदेश इन ख़बरों के आने के बाद दिया गया कि एक ‘पुलिसकर्मी’ को घटना का वीडियो बनाते हुए देखा गया। आदेश में कहा गया है कि कार्बी आंगलांग ज़िले के उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त जुनुमोनी सोनोवाल को जांच का जिम्मा सौंपा है।

दोनों युवकों के अभिभावकों ने मांग की है कि दोषी लोगों को सख्त सज़ा दी जानी चाहिए। इस अप्रत्याशित घटना से उनके दुख की कोई सीमा नहीं है। उनके अभिभावकों ने सरकार से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ‘किसी भी अभिभावक को इस तरह के दुख का सामना नहीं करना पड़े।’ नीलोत्पल के पिता गोपाल चंद्र दास को अब तक यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि अपनी ही सरजमीं पर ऐसा होगा। अवकाश प्राप्त सरकारी कर्मचारी दास ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे बेटे ने कितने स्थानों की यात्रा की लेकिन यह दुखद अंत अपनी ही सरजमीं पर हुआ।’ उन्होंने कहा कि सरकार कार्बी आंगलांग को पर्यटकों के लिए पूरब का स्विट्जरलैंड बनाने की बात करती है। लेकिन क्या पर्यटक आएंगे अगर अपनी सरजमीं पर अपने ही लोग सुरक्षित नहीं हों?

-दिनकर कुमार

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