मंत्रिमंडल विस्तार से मिलेगी विकास को रफ्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मंत्रालयों का जिस तरह आवंटन किया गया है उसमें खास तौर पर यह ध्यान रखा गया है कि किस मंत्रालय में किस तरह के नेताओं की जरूरत है।
मोदी कैबिनेट का दूसरा विस्तार कई मायनों में खास और अलग रहा। जहां इस बार इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि सोशल इंजीनियरिंग बनी रहे वहीं विकास को रफ्तार दी जा सके। सबसे अहम बात जिसके कयास लगाए जा रहे थे कि कैबिनेट में भारी फेरबदल होगा वह आशंका सही साबित हुई। फेरबदल और विस्तार से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रालयों के मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड देखी और पावर पाइंट प्रजेंटेशन भी देखी कि मंत्रियों ने क्या किया। उसके बाद यह निर्णय किया कि किस मंत्रालय को और तेजी से कार्य करने की जरूरत है और किन्हें सहयोग की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते कई बड़े मंत्रालयों में राज्य मंत्रियों की संख्या बढ़ायी गयी है।
संसद का मॉनसून सत्र शुरू के पहले यह विस्तार किया गया है। मंत्रालयों का जिस तरह आवंटन किया गया है उसमें खास तौर पर यह ध्यान रखा गया है कि किस मंत्रालय में किस तरह के नेताओं की जरूरत है। इस विस्तार में जहां डॉक्टर और वकील जैसे योग्य नेताओं को जगह दी गई है वह काफी महत्वपूर्ण है। हां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव है और इसको ध्यान में रखते हुए सोशल इंजीनियरिंग अपने पक्ष में करने के लिए वहां से ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है। वहां से कृष्णा राज, महेंद्र पांडे और अनुप्रिया पटेल को जगह दी गई है। कृष्णा राज पासी समाज की बड़ी नेता हैं और इन्हें जगह दी गयी है जिससे उत्तर प्रदेश में इस समाज का वोट हासिल किया जा सके। भाजपा ने खास तौर पर अनुप्रिया पटेल और महेंद्र पांडे को जगह देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में बसपा को टक्कर देने को तैयार की है। पंजाब में चुनाव है जिसको ध्यान में रखकर एसएस अहलूवालिया को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है हालांकि वे पश्चिम बंगाल से सांसद हैं लेकिन संदेश पंजाब को दिया गया है। फग्गन सिंह कूलस्ते ने मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद मीडिया से कहा था कि हमें क्या मिला। इस विस्तार में उन्हें जगह दी गई है। उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है यह काफी महत्वपूर्ण है।
राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनकर आए विजय गोयल के बारे में कहा जा रहा था कि वे जिस प्रकार से दिल्ली में सक्रिय हुए हैं तय है कि उन्हें कोई ना कोई पद दिया जाएगा। विजय गोयल भले ही राजस्थान से राज्यसभा आए लेकिन ज्यादातर दिल्ली की राजनीति में ही दिलचस्पी ली। मंत्रिमंडल विस्तार में चर्चा थी कि 75 के ऊपर के मंत्रियों को हटाया जाएगा। लेकिन प्रधानमंत्री चुनावी मजबूरियों के चलते ऐसे मंत्रियों को हटा तो नहीं पाए लेकिन इस उम्र के किसी अन्य शख्स को मंत्री नहीं बनाया।
गुजरात से इस बार भी प्रतिनिधित्व दिया गया है खास बात यह है कि गुजरात से प्रधानमंत्री भी आते हैं हालांकि अभी वे वाराणसी से सांसद हैं। लेकिन गुजरात में इस बार भाजपा के लिए काफी चुनौतीपूर्ण विधानसभा चुनाव होगा। यह भी कई बार कयास लगाए जाते रहे हैं कि यहां मुख्यमंत्री बदला जाएगा। लेकिन प्रधानमंत्री ने गुजरात से दो मंत्रियों को शामिल कर यह जता दिया है कि उन्होंने इसका खास ध्य़ान रखा है ताकि आने वाले चुनाव में भाजपा को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़े। बहरहाल जिस प्रकार से मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है उससे तो यही लग रहा है कि विकास को तेज करने के लिए मोदी सरकार ने कोई समझौता नहीं किया है और सभी मंत्रालयों में जहां जरूरत है वहां योग्य मंत्री को लगाया गया है।
अन्य न्यूज़