शिनजियांग में मस्जिद गिरवा कर वहां हिल्टन का फाइव स्टार होटल बनवाना मुस्लिमों पर बड़ा अत्याचार

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देखा जाये तो उइगर समुदाय के खिलाफ चीन का यह अभियान सांस्कृतिक नरसंहार के बराबर है। इस अभियान के तहत चीन जो काम कर रहा है उसमें उइगरों को शिविरों में हिरासत में रखना और मस्जिदों तथा अन्य सांस्कृतिक स्थलों को नष्ट करना शामिल है।

शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम उइगर आबादी के उत्पीड़न के नये नये रिकॉर्ड बनाने के लिए लोकप्रिय चीन ने अब मुसलमानों को चिढ़ाने के लिए नया पैंतरा चला है। उइगर समुदाय की जिस मस्जिद को चीन ने तोड़ा था अब वहां पर वह फाइव स्टार होटल बनवा रहा है। यह फाइव स्टार होटल बनाने का जिम्मा चीन ने हिल्टन ग्रुप को दिया है जिसके तहत 'हैम्पटन इन' होटल का निर्माण होना है। हालांकि यह ठेका मिलते ही हिल्टन ग्रुप नागरिक अधिकार समूहों के निशाने पर आ गया है। मस्जिद की जमीन पर होटल बनाने के लिए दुनिया भर में हिल्टन के होटलों के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है। हालांकि हिल्टन होटल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि हमारा समूह भूमि का चयन करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं था और 2019 में एक स्वतंत्र, चीनी स्वामित्व वाले समूह ने सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से एक होटल सहित व्यावसायिक विकास की योजना के लिए एक खाली भूमि खरीदी थी जिस पर निर्माण किया जाना है।

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उइगर मुस्लिमों पर जुल्म की इंतहा

दूसरी ओर, देखा जाये तो उइगर समुदाय के खिलाफ चीन का यह अभियान सांस्कृतिक नरसंहार के बराबर है। इस अभियान के तहत चीन जो काम कर रहा है उसमें उइगरों को शिविरों में हिरासत में रखना और मस्जिदों तथा अन्य सांस्कृतिक स्थलों को नष्ट करना शामिल है। चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में हाल के वर्षों में बनाये गये शिविरों में करीब 10 लाख मुस्लिमों के बंद होने का अनुमान है। चीनी अधिकारी इन लोगों से जबरन मजदूरी कराते हैं तथा वहां व्यवस्थित तौर पर जन्म नियंत्रण का तंत्र भी बना रखा है ताकि उइ्गर मुसलमानों की आबादी बढ़ने नहीं पाये। कई बार इन लोगों की जबरन नसबंदी किये जाने की भी खबरें सामने आती रहती हैं तो कई बार यह भी सामने आता है कि गर्भवती उइगर मुस्लिम महिलाओं का जबरन गर्भपात करवा दिया जाता है। यही नहीं इन मुसलमानों पर धार्मिक गतिविधि छोड़ने का दबाव भी बनाया जाता है। उइगर मुस्लिमों को उनके बच्चों से अलग भी रखा जाता है। हालांकि चीन लगातार लाखों उइगर मुस्लिमों को हिरासत शिविरों में रखने के आरोपों से इंकार करता रहा है। चीन इस बारे में सफाई देते हुए हमेशा यही कहता है कि धार्मिक उन्माद से लोगों को दूर रखने के लिए शिक्षा शिविर बनाये गये हैं जिसमें इन लोगों को रखा गया है। हम आपको बता दें कि हाल ही में चीन ने यहां दुनिया का सबसे बड़ा निगरानी शिविर भी बनाया है।

मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान चीन के निशाने पर

खैर बात उइगर मुस्लिमों के आस्था स्थल मस्जिद की करें तो एक आस्ट्रेलियाई थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार चीन शिनजियांग प्रांत में 16 हजार से ज्यादा मस्जिदों को जमींदोज कर चुका है और इनमें से अधिकतर मस्जिदों को पिछले तीन-चार सालों में ही नुकसान पहुँचाया गया है। थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक कई मस्जिदों को पूरी तरह ढहाया गया है तो कई के सिर्फ गुंबदों और मीनारों को ही गिराया गया है।  यही नहीं हाल के वर्षों में समाचार एजेंसी एएफपी की एक जांच में पाया गया था कि दर्जनों कब्रगाहों को उखाड़ दिया गया था जिससे मानव अवशेष जमीन पर फैले हुए थे। एक रिपोर्ट में यह सामने आया था कि सिर्फ मस्जिदों को ही नहीं बल्कि दरगाहों और कब्रिस्तानों को भी बड़ी संख्या में नुकसान पहुँचाया गया था। यही नहीं मस्जिदों को गिराकर उसकी जमीन पर सार्वजनिक शौचालय बनवा कर चीन ने मुसलमानों की आस्था को ठेस पहुँचाने का काम किया।

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मुस्लिमों पर अत्याचार, आंखें मूंदे है पाकिस्तान

बहरहाल, चीन की ओर से किये जा रहे इन अत्याचारों के खिलाफ दुनियाभर से आवाज उठती है। दुनिया इन अत्याचारों की जांच की मांग करती है लेकिन चीन कहता है कि ऐसा कुछ है ही नहीं। यही नहीं खुद को इस्लामिक देश कहने वाला पाकिस्तान भी अपने आका द्वारा मुसलमानों पर किये जा रहे अत्याचार की ओर से आंखें मूंदे रहता है और कहता है कि चीन को बदनाम किया जा रहा है। खैर... संसाधन संपन्न शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर अब तक जुल्म तो ढाये ही जा रहे थे अब उनकी मस्जिद पर बनने वाले होटल के आलीशान कमरों की चमचमाती खिड़कियों से जब चीनी झांकेंगे तो उनकी मुसकुराहट मुस्लिमों के घावों पर नमक ही छिड़केगी।

- नीरज कुमार दुबे

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