उपभोक्ताओं की किसी को परवाह नहीं, सरेआम धोखाधड़ी कर रहे हैं ट्रैवल पोर्टल

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मनोज झा । Nov 15 2019 5:28PM

डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय पूरी तरह खामोश बैठा है। क्या ये डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो जेट एयरवेज और ट्रैवल पोर्टल पर इस बात के लिए दबाव बनाए ताकि ग्राहकों को उनका रिफंड मिल सके ?

हमारे देश में ग्राहकों की व्यथा सुनने के लिए कानून तो बनाए गए हैं लेकिन अमल कितना हो रहा है ये हम सभी जानते हैं। वैसे 1 दिसंबर से पूरे देश में कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल लागू होने जा रहा है लेकिन इसका फायदा ग्राहकों को कितना मिल पाएगा ये कहना काफी मुश्किल होगा। नए कानून में ग्राहकों को बिना वकील के केस लड़ने की आजादी तो होगी लेकिन क्या इस कानून का कंपनियों पर कोई असर पड़ेगा। ये सवाल हम इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि आज भी सैंकड़ों कंपनियां ऐसी हैं जिन्हें ग्राहकों की कोई परवाह नहीं। सोशल मीडिया के जमाने में कुछ कंपनियां अपनी साख बचाने के लिए ग्राहकों की शिकायतों पर अमल तो करती हैं लेकिन ये सब अभी बड़े शहरों तक ही सीमित है। महानगरों में रहने वाले पढ़े-लिखे ग्राहकों के लिए सोशल मीडिया एक मजबूत प्लेटफॉर्म तो बन गया है लेकिन छोटे शहरों और कस्बों में रहने वालों का क्या होगा ?

देश में लाखों ग्राहक न्याय के लिए कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं...लेकिन न्याय की पूरी प्रक्रिया इस कदर जटिल है कि फैसला आने में काफी वक्त लग जाता है। फैसले में देरी के कारण कई ग्राहक चुपचाप शांत बैठ जाते हैं, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं बचता।

अभी ताजा उदाहरण जेट एयरवेज का ले लीजिए, एयरलाइंस तो कब का बंद हो गया लेकिन जिन ग्रहाकों ने समय से काफी पहले टिकट बुक कराया था उन्हें आज तक रिफंड नहीं मिला है। वैसे जेट एयरवेज का कहना है कि उसने सभी ग्राहकों का पैसा रिफंड कर दिया है लेकिन उन ग्राहकों का क्या होगा जिन्होंने अलग-अलग ट्रैवल पोर्टल से टिकट बुक कराया था। यहां एक ट्रैवल पोर्टल का जिक्र करना ज्यादा जरूरी हो जाता है जो अब तक ग्राहकों को बेवकूफ बनाता आ रहा है। हम बात कर रहे हैं HAPPYEASYGO.COM की...इस ट्रैवल पोर्टल ने अब तक उन ग्राहकों का पैसा नहीं लौटाया है जिन्होंने जेट एयरवेज में टिकट बुक कराया था। ग्राहकों के बार-बार पूछे जाने पर उनकी तरफ से एक ही जवाब आता है कि उन्हें जेट से रिफंड नहीं मिला है...जरा सोचिए किसी का 10000 तो किसी का 15000 रुपया पिछले करीब 6-7 महीनों से लटका पड़ा है लेकिन सरकारी एजेंसियों पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा। हैरानी की बात ये है कि सब कुछ जानते हुए भी डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय पूरी तरह खामोश बैठा है। क्या ये डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो जेट एयरवेज और ट्रैवल पोर्टल पर इस बात के लिए दबाव बनाए ताकि ग्राहकों को उनका रिफंड मिल सके ?

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बात सिर्फ रिफंड तक ही सीमित नहीं है...टिकट बुक करते समय प्रोसेसिंग फीस को लेकर भी ग्राहकों को खूब चूना लगाया जाता है। ग्राहकों को फंसाने के लिए एयरलाइंस कंपनियां अलग-अलग दांव खेलती हैं। टिकट बुक कराते समय अगर आप यात्रा रद्द करने की स्थिति में फुल रिफंड का ऑप्शन चुनते हैं तो इसके लिए आपको कहीं ज्यादा पैसा खर्च करना होगा। सवाल है कि आखिर ये सिलसिला कब तक चलेगा?  क्या एयरलाइंस और ट्रैवल पोर्टल अपनी मर्जी चलाते रहेंगे ?

मैं यहां अपने साथ हुए एक वाकये का जिक्र करना चाहूंगा जिसे जानने के बाद आपको यकीन हो जाएगा कि हमारे देश में हवाई यात्रा करने वाले ग्राहक किस कदर परेशान हैं। बात इसी साल सितंबर महीने की है। मैंने मुंबई से दिल्ली जाने के लिए HAPPYEASYGO.COM के जरिए GO Air का टिकट बुक किया था...टिकट बुक करते समय फ्लाइट की टाइमिंग 18.45 बताई गई थी...मुझे दिल्ली में रात 10 बजे किसी के घर पहुंचना था सो मैंने सोच समझकर इसी टाइम को चुना। मैं मुंबई में जल्दी-जल्दी मीटिंग निपटाकर एयरपोर्ट के लिए निकल गया...मुंबई के ट्रैफिक को देखते हुए मैं शाम 4 बजे दफ्तर से निकल गया और करीब एक घंटे में एयरपोर्ट पहुंच गया। लेकिन एय़रपोर्ट पहुंचने पर मुझे बड़ा झटका लगा जब मुझे मालूम हुआ कि मेरी फ्लाइट 18.45 की नहीं 21.15 की है। मेरे पास टिकट की कॉपी थी जिस पर साफ-साफ लिखा था कि हमारी फ्लाइट संख्या G8-643 18.45 पर दिल्ली के लिए उड़ान भरेगी...मैंने जब GO Air के लोगों से शिकायत की तो उनका बस यही कहना था कि ये गलती ट्रैवल पोर्टल की है और वो कुछ नहीं कर सकते। मुझे उस दिन 4 घंटे से भी ज्यादा समय एयरपोर्ट पर बिताना पड़ा। लेकिन मेरी परेशानी वहीं खत्म नहीं हई...लौटते समय भी ट्रैवल पोर्टल ने धोखाधड़ी की। ठीक 4 दिन बाद मुझे दिल्ली से मुंबई लौटना था...मेरी सुबह 6.00 बजे की फ्लाइट थी...मैं घर से तड़के 4 बजे निकला और करीब एक घंटे बाद 5 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गया। स्पाइस जेट फ्लाइट नंबर SG-8723 को टर्मिनल 3 से उड़ान भरनी थी...लेकिन जब बोर्डिंग पास के लिए पहुंचा तो पता चला कि सुबह 6 बजे स्पाइस जेट की मुंबई के लिए कोई उड़ान ही नहीं है और मेरी फ्लाइट 6 बजे नहीं 8 बजकर 15 मिनट पर मुंबई के लिए उड़ान भरेगी।

दो-दो बार धोखाधड़ी का शिकार होने पर मैंने इस बार मामले को एयरपोर्ट पर तैनात स्पाइस जेट के अधिकारी के सामने उठाया। मैंने जब उन्हें अपना टिकट दिखाया तो वो भी हैरान रह गए...और आखिर में उन्होंने ये जवाब दिया कि सर ट्रैवल पोर्टल HAPPYEASYGO.COM ने फ्लाइट टाइमिंग के साथ जान-बूझकर छेड़छाड़ की है ताकि ज्यादा से ज्यादा टिकट बेचा जा सके। मैंने स्पाइस जेट से एक ही सवाल किया कि आखिर आप उस ट्रैवल पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते...आप ऐसे ट्रैवल पोर्टल को ब्लैकलिस्ट क्यों नहीं करते...लेकिन अफसोस की बात ये है कि इस पर अब तक ना तो GO Air और ना ही Spice Jet  की तरफ से कोई जवाब आया। मैंने इस मामले को डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सामने भी उठाया लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।

देश में हर जगह जहां ट्रांसपरेंसी की बात हो रही है...अलग-अलग सेक्टरों में सुधार की बात हो रही है तो फिर इस सेक्टर को सुधारने की दिशा में कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा है? परेशान ग्राहकों को न्याय दिलाने के लिए इन कंपनियों पर आखिर कब शिकंजा कसेगा ?

-मनोज झा

(लेखक पूर्व पत्रकार रह चुके हैं।)

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