विधानसभा चुनाव की हार से हिमाचल कांग्रेस ने लिया सबक, आगे की तैयारी शुरू

Himachal Congress took lessons from the defeat of assembly elections
विजय शर्मा । Mar 14 2018 2:13PM

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में आहूत कांग्रेस के मंडी अधिवेशन में केंद्र की भाजपा सरकार को खूब कोसा गया और प्रदेश के चारों सांसदों के खिलाफ मोर्चा खोलने का कांग्रेस ने ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में आहूत कांग्रेस के मंडी अधिवेशन में केंद्र की भाजपा सरकार को खूब कोसा गया और प्रदेश के चारों सांसदों के खिलाफ मोर्चा खोलने का कांग्रेस ने ऐलान किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने-अपने इलाकों में इसका नेतृत्व करेंगे। यह भी माना जा रहा है कि जिनकी अगुवाई में भाजपा के सांसदों के खिलाफ मोर्चा खोला जा रहा है, वही कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के संभावित उम्मीदवार भी हो सकते हैं। मंडी अधिवेशन में प्रदेश कांग्रेस ने एकजुट होकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और चारों भाजपा सांसदों पर सीधा हमला बोलते हुए भाजपा की गरीब विरोधी नीतियों की आलोचना की है। हालांकि इस अधिवेशन से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह दूर ही रहे और यह जगजाहिर है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविन्द्र सुखु और वीरभद्र सिंह एक-दूसरे के धुर-विरोधी हैं। वीरभद्र सिंह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि सुखु के रहते वह लोकसभा चुनावों से दूर ही रहेंगे। हिमाचल में कांग्रेस वीरभद्र के बिना भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकती। हालांकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही मिशन रिपीट के दावे के साथ खम ठोक रही थी लेकिन पार्टी नेता भलीभांति जानते थे कि पिछले तीन दशकों से चल रहे ट्रेंड के चलते भाजपा को रोकना मुश्किल है लेकिन लोकसभा चुनाव में उसे उम्मीद दिखाई दे रही है क्योंकि कांग्रेस के कई दिग्गज, जो विधानसभा चुनाव हार गये हैं, वह लोकसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं और प्रदेश में केन्द्र सरकार के प्रति पनप रही नाराजगी को भुना सके।

मंडी के होटल राजमहल में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित कर 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा के खिलाफ आक्रामक रणनीति तैयार की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस ने केंद्र सरकार व भाजपा सांसदों के खिलाफ पांच निंदा प्रस्ताव तक पारित कर दिये। प्रदेश की नई जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार को आरएसएस संचालित सरकार करार दिया। अधिवेशन में कांग्रेस नेताओं के निशाने पर केन्द्र की मोदी सरकार और भाजपा सांसद की रहे। प्रदेश कांग्रेस की सह प्रभारी व सांसद रंजीता रंजन भी इस मौके पर मौजूद रहीं। प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू ने पदाधिकारियोंऔर कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर भाजपा की जनविरोधी नीतियों और यूपीए सरकार के समय हुए कामों तथा आम व्यक्ति को मिले अधिकारों को जन-जन तक पहुंचाने की रूपरेखा तैयार की। चूंकि, मोदी सरकार ने प्रदेश से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। हर हिमाचली ठगा महसूस कर रहा है। अब समय आ गया है कि लोगों को जागरूक किया जाए।

सांसद रंजीता रंजन ने कहा कि हिमाचल के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहा हैं। प्रदेश की भोली जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छला है। कार्यकर्ता कमर कस लें और चुनाव तक चैन से न बैठें। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी मोदी और भाजपा सांसदों को आड़े हाथों लिया व कहा कि केंद्र सरकार जुमलों की सरकार साबित हुई। आम आदमी का जीना मुहाल है। अधिवेशन में पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, जीएस बाली, कांग्रेस विधायक व महासचिव रामलाल ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान, विधायक राजेंद्र राणा, पूर्व विधायक व चंबा जिला अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने भी अपने विचार किये और पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने सुझाव दिए। अधिवेशन में विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, सुंदर ठाकुर, सतपाल रायजादा, पवन काजल, मोहन लाल ब्राक्टा, एआईआइसीसी सचिव राकेश कालिया, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, पूर्व विधायक हरभजन सिंह भज्जी, पूर्व सीपीएस रोहित ठाकुर, सोहन लाल ठाकुर, पूर्व विधायक किशोरी लाल, रवि ठाकुर, तिलक राज, जगजीवन पाल, यादविंदर गोमा भी उपस्थित रहे। अनेक पूर्व मंत्री-विधायक, कांग्रेस जिला अध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्ष, चुने हुए पंचायत प्रतिनिधि, बीडीसी-जिला परिषद सदस्य, एनएसयूआई यूथ कांग्रेस पदाधिकारी, महिला कांग्रेस नेत्रियां व पदाधिकारी, कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों के चेयरमैन व पदाधिकारी भी अधिवेशन में विशेष रूप से मौजूद रहे।

मंडी अधिवेशन में प्रदेश कांग्रेस ने ‘हिसाब दे सांसद-जवाब दे सांसद’ को पंचायत स्तर पर ले जाने की रणनीति तैयार की है। कांग्रेस ने यह भी तय किया है कि भाजपा सांसदों के विरुद्ध चलाए गए ‘हिसाब से सांसद-जवाब दे सांसद’ कार्यक्रम को पंचायत स्तर तक ले जाया जाएगा। पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर भाजपा सांसदों से चार साल में किए कामों का हिसाब मांगा जाएगा।

-विजय शर्मा

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