आयुष्मान योजना से बेहतर है कमलनाथ सरकार की योजना, 15 अगस्त से होगी शुरुआत

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दिनेश शुक्ल । Jul 4 2019 2:47PM

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने केन्द्र सरकार की हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज देने की केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को असफल बताते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार राईट टू हेल्थ (स्वास्थ्य का अधिकार) लेकर आ रही है।

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रदेश के हर नागरिक के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए प्रदेश के हर एक नागरिक को राइट टू हेल्थ के तहत 15 अगस्त से महा-आयुष्मान योजना लागू करने जा रही है। प्रदेश सरकार का दावा है कि इस योजना से हर परिवार को मुफ्त इलाज मिलेगा। वर्तमान में केन्द्र सरकार राइट टू हेल्थ के तहत बीपीएल परिवारों के लिए आयुष्मान योजना चला रही है। इसके तहत बीपीएल परिवार को मुफ्त इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक की सरकारी सहायता दी जाती है। लेकिन मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार इसे बढ़ाकर 7.50 लाख तक करने जा रही है। यही नहीं इस योजना के तहत समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार अभी तक पाँच लाख रुपए प्रति परिवार बीमा बीपीएल परिवार के लिए कर रही थी लेकिन अब उच्च एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का भी महा-आयुष्मान योजना के तहत बीमा करवाया जाएगा।

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मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने केन्द्र सरकार की हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज देने की केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को असफल बताते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार राईट टू हेल्थ (स्वास्थ्य का अधिकार) लेकर आ रही है। इसे महा-आयुष्मान नाम दिया जा रहा है। देश में राइट टू हेल्थ लाने वाला पहला राज्य मध्य प्रदेश होगा। सबके इलाज की जिम्मेदारी सरकार की होगी। महा-आयुष्मान योजना में प्रत्येक परिवार और नागरिक का अनिवार्य बीमा होगा। अमीर-गरीब का भेद नहीं होगा। सभी सरकारी और अधिकृत निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा।

मध्य प्रदेश सरकार की महा-आयुष्मान योजना का फायदा यह होगा कि गरीबों की तरह उच्च और मध्यम वर्गीय परिवारों का भी सरकार अनिवार्य बीमा कराया जाएगी। महा-आयुष्मान योजना से अमीर और मिडिल क्लॉस के 48 लाख परिवार स्वास्थ्य बीमे के बाद सरकारी-निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। इसका एक और फायदा होगा कि स्वास्थ्य बीमे के साथ प्रत्येक परिवार का ढाई लाख रुपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी कवर होगा। केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत 1 करोड़ 40 लाख परिवार मुफ्त इलाज के दायरे में आते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की महा-आयुष्मान योजना से 1 करोड़ 88 लाख परिवार बीमा का फायदा पाएंगे।

काँग्रेस की कमलनाथ सरकार ने यह योजना लागू करने से पहले मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, झारखंड और महाराष्ट्र में संचालित आयुष्मान योजना की रिपोर्ट तैयार की है। प्रदेश में लागू योजना को असफल माना गया है। केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत अब तक 1470 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे थे जिसमें राज्य सरकार का 64 फीसदी योगदान होता है। जिसमें केन्द्र सरकार एसईसीसी परिवारों का 36 प्रतिशत यानि मात्र 528 करोड़ रुपए ही दे रही थी। वहीं राज्य सरकार को 64 फीसदी वहन करने पर 942 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं। मध्य प्रदेश सरकार की महा-आयुष्मान योजना में 1470 करोड़ की जगह 1570 करोड़ रुपए खर्च होंगे लेकिन मिडिल और अपर क्लॉस भी शामिल होगा। इसके लिए सरकार उनसे प्रीमियम राशि में नाम मात्र का प्रीमियम लेगी जिसकी प्रीमियम की दरें तय होना अभी बाकी है। 

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केन्द्र सरकार ने 25 सितंबर 2018 को आयुष्मान योजना चालू की थी। जिसमें केन्द्र की सामाजिक-जाति आर्थिक जनगणना (एसईसीसी) वाले 84 लाख परिवार शामिल थे। प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान शासित बीजेपी सरकार ने संबल योजना के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 56 लाख परिवार भी इस योजना में जोड़ लिए गए थे। जिनकी संख्या बढ़कर प्रदेश में 1.40 करोड़ हो गई जिन्हें इस योजना का लाभ मिल रहा था। वहीं कमलनाथ शासित काँग्रेस सरकार ने अपनी महा-अयुष्मान योजना में उच्च और मध्यमवर्गीय 48 लाख परिवार भी शामिल किये हैं जिनके बाद प्रदेश में महा-अयुष्मान योजना में 1.88 करोड़ लोग शामिल हो जाएंगे।

मध्य प्रदेश की जनता को प्रदेश की कमलनाथ सरकार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महा-आयुष्मान योजना के रूप में राइट टू हेल्थ योजना लागू करके तोहफा देना चाहती है। जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं और प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर गंभीर नज़र आ रहा है ताकि इस महंगाई के जमाने में स्वास्थ्य पर आने वाले भारी खर्च को कम किया जा सके और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य का अधिकार संवैधानिक तरीके से मिल सके।

-दिनेश शुक्ल

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