चुनावी मैदान में Entry को बेकरार हैं कई भोजपुरिया फिल्म स्टार

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अंकित सिंह । Jul 11 2018 4:40PM

भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी जब से सांसद बने हैं भोजपुरिया कलाकारों की राजनीतिक दिलचस्पी बढ़ गयी है। भोजपरी सिने जगत के कई एक्टर अब राजनीति की नैया में सवार होने को बेकरार हैं।

भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी जब से सांसद बने हैं भोजपुरिया कलाकारों की राजनीतिक दिलचस्पी बढ़ गयी है। भोजपरी सिने जगत के कई एक्टर अब राजनीति की नैया में सवार होने को बेकरार हैं। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में टिकट लेने के लिए अभी से जी जान लगाए हुए हैं और विभिन्न पार्टियों से संपर्क में भी हैं। 2009 में मनोज तिवारी ने सपा की टिकट किस्मत आजमाया था पर मुंह की खानी पड़ी थी। रवि किशन पहले भी चुनाव मैदान में उतरे थे पर हार गए थे। 2014 में भाजपा के टिकट पर मनोज चुनाव जीते। इसके बाद मनोज को दिल्ली BJP का अध्यक्ष भी बना दिया गया। इसके बाद कई एक्टर अलग-अलग पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने लगे।

2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद अधिकतर एक्टरों का झुकाव भाजपा की तरफ ही है। सबसे पहले रवि किशन ने भाजपा ज्वाइन किया। इससे पहले रवि किशन कांग्रेस से जुड़े हुए थे और UP के जौनपुर से चुनाव भी लड़ा था। लेकिन हार के बाद पाला बदल लिया। BJP ज्वाइन करने के बाद रवि किशन ने Delhi MCD चुनाव में खूब प्रचार किया। गोरखपुर उप चुनाव में टिकट को लेकर रवि किशन का नाम सामने आ रहा था पर टिकट नहीं मिल पाया।

 

2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद अधिकतर एक्टरों का झुकाव भाजपा की तरफ ही है। सबसे पहले रवि किशन ने भाजपा ज्वाइन किया। इससे पहले रवि किशन कांग्रेस से जुड़े हुए थे और UP के जौनपुर से चुनाव भी लड़ा था। लेकिन हार के बाद पाला बदल लिया। BJP ज्वाइन करने के बाद रवि किशन ने Delhi MCD चुनाव में खूब प्रचार किया। गोरखपुर उप चुनाव में टिकट को लेकर रवि किशन का नाम सामने आ रहा था पर टिकट नहीं मिल पाया। रवि ने कई बार अपनी दिली इच्छा भी जाहिर की थी। फिलहाल रवि किशन राजनीतिक भविष्य को लेकर अपने क्षेत्र में एक्टिव हैं। इसके बाद पवन सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। पवन सिंह ने बिहार विधान सभा चुनाव में BJP के लिए प्रचार भी किया था। चर्चा है कि इस बार पवन सिंह को भी चुनाव लड़ने का कहीं से मौका मिल सकता है। पवन सिंह को बिहार भाजपा के नेता आर.के. सिन्हा का बहुत करीबी माना जाता है।

वहीं, दिनेश लाल यादव निरहुआ की अखिलेश यादव से नजदीकी है और वह समाजवादी पर्टी से जुड़े हुए हैं। वह कई सालों से सपा के लिए चुनाव प्रचार करते रहे हैं। निरहुआ यादव समाज से आते हैं जो कि सपा का वोट बैंक भी है। ऐसे में सपा उन्हें टिकट देकर यादवों को साधने का भी काम कर सकती है। ऐसा भी कहा जा रहा कि सपा उन्हें गाजीपुर से चुनावी मैदान में उतार सकती है या फिर निरहुआ को रविकिशन के खिलाफ भी आजमाया जा सकता है। 

खेसारी लाल यादव भी महाराजगंज से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर बेताब हैं। इसको लेकर वह लालू प्रसाद से लेकर तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव से कई बार मिल चुके हैं। खेसारी राजद के कई कार्यक्रम में भी अपनी प्रस्तुति देते रहते हैं। प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने के बाद RJD महाराजगंज में एक मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रही है। ऐसे में चर्चा है कि खेसारी को टिकट मिलना तय है। इसको खेसारी के समर्थक सोशल मीडिया में अभी से ही महाराजगंज का प्रत्याशी बता रहे हैं। चर्चा यह भी थी कि खेसारी का नाम आने के कारण ही प्रभुनाथ सिंह के भतीजे सुधीर सिंह ने धमकी दी थी। लेकिन उन्होंने बाद में सफाई दी थी कि वायरल ऑडियो गलत है।

 

इनके अलावा रितेश पांडे और अरविंद कल्लू भी विभिन्न पार्टियों से जुड़े हुए हैं। अरविंद कल्लू कई मौकों पर बाहुबली भूमिहार नेता अनंत सिंह का प्रचार करते रहे हैं। इन सबके अलावा भोजपुरी के दिग्गज कलाकार कुणाल सिंह पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं पर शत्रुघ्न सिन्हा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा भोजपुरी अभिनेता, लेखक और संगीतकार विनय बिहारी राजनीति से जुड़े हुए हैं। विनय बिहारी नीतिश और जीतन राम मांझी सरकार में मंत्री रहे हैं और फिलहाल वह भाजपा के टिकट पर विधायक हैं। 

बहरहाल, अगर यह भोजपुरिया स्टार चुनावी मैदान में उतरते हैं तो तय मानिए कि चुनाव प्रचार में अक्षरा सिंह, आम्रपाली दूबे, कालज राघवानी, रानी चटर्जी जैसी भोजपुरी हिरोईनों के भी लटके-झटके देखने को मिल सकते हैं।

- अंकित सिंह

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