मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनावी रण में इस बार उतरेंगे ये ''नामदार''

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रेनू तिवारी । Aug 11 2018 4:45PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नामदार कह उनका मजाक उडाते हैं, क्योंकि राहुल गांधी को राजनीति ''गांधी परिवार'' की विरासत में मिली हैं। लेकिन इस बार मध्य प्रदेश के 2018 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में ढेर सारे मंत्रियों के बेटे चुनावी मैदान में उतर कर नामदार बनने की कतार में है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नामदार कह उनका मजाक उडाते हैं, क्योंकि राहुल गांधी को राजनीति 'गांधी परिवार' की विरासत में मिली हैं। लेकिन इस बार मध्य प्रदेश के 2018 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में ढेर सारे मंत्रियों के बेटे चुनावी मैदान में उतर कर नामदार बनने की कतार में है। इस परिस्थिति में मध्यप्रदेश की राजनीति में वशंवाद की नई खैप तैयार हो गई है। दस से ज्यादा नेताओं के पुत्रों ने चुनाव में उतरने की तैयारी कर ली है। राजनीति में वंशवाद कोई नया नहीं है। वंशवाद का विरोध करने वाले नेताओं ने भी समय आने पर अपने पुत्रों या फिर परिजनों को राजनीति में स्थापित किया है। ऐसा ही इस बार मध्यप्रदेश की राजनीति में होने वाला है। नेता पुत्रों के राजनीति में आने को बीजेपी स्वाभाविक मान रही है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी अपने कुनबे में झांके जहां ढेर सारे नेता पुत्र पहले से ही राजनीति में बडे पदों पर बैठे हैं।   

आइये जानते है मध्य प्रदेश के चुनावी रण में आने वाले नेताओं के नामदारों के नाम

शिवराज के बेटे कार्तिकेय चौहान 

मध्यप्रदेश विधासभा चुनाव में नामदार यानी कई नेतापुत्र उतरने को तैयार हैं। इनमें सबसे पहला नंबर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान का है। कार्तिकेय चौहान ने चुनावी रण में कदम रख दिया है। वो अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र में लगातार सभाएं कर रहे हैं और सरकार के कामों को जनता तक पहुंचाने की कोशिश भी कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के बहाने ही कार्तिकेय प्रदेश सरकार की योजनाओं और अपने पापा के काम का बखान कर रहे हैं। सीहोर जिले में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने पिता शिवराज सिंह चौहान के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह 

जयवर्धन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे हैं। जयवर्धन सिंह मध्यप्रदेश में राघोगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने 59,000 वोटों के अंतर से 2013 में विधानसभा चुनाव जीता था जो उस साल कांग्रेस पार्टी के सभी उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा था। हाल ही में जयवर्धन सिंह ने कांग्रेसियों को एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एकजुट होने की नसीहत दी है। विधायक ने कांग्रेस के दिग्गजों को नसीहत देते हुए कहा कि, सभी सीनियर लीडर्स गुटबाज़ी को छोड़कर अपने दायित्वों का निर्वहन करें और काम में लग जाएं। 

कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ

नकुलनाथ इस बार अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। कांग्रेस के बड़े नेता और मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ सकते है छिंदवाड़ा से नौ बार रह चुके कमलनाथ इस बार बेटे को टिकट दिलाना चाहते हैं। दरअसल कांग्रेस की कमान मिलने के बाद कमलनाथ ने अपने बेटे नकुल नाथ को प्रदेश की राजनीति में लांच कर दिया है। 

कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश लंबे समय से इंदौर की राजनीति से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय संगठन में आने के बाद प्रदेश सरकार के मंत्री का पद छोड़ चुके हैं। हालांकि, कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं। विजयवर्गीय अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। 21 जनवरी को इंदौर में हुई स्वास्थ्य, स्वच्छता और प्रकृति पर केंद्रित साइकिल रैली को सफल बनाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की थी। शहर के अलावा वे इंदौर विधानसभा सीट में आने वाले ग्रामीण अंचलों में भी समय बिताते हैं।

सांसद प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा 

पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा भी बीते एक साल से सक्रिय हैं। हाल में ग्वालियर शहर के रेस कोर्स रोड में लगे जन्मदिन के बधाई वाले पोस्टर को लेकर वे खासर चर्चा में थे। समर्थकों ने जनवरी में उनको जन्मदिन की बधाई देने वाले पोस्टर से शहर के व्यस्ततम चौराहों और मोहल्लों के एंट्री प्वाइंट को पाट दिया था। यह संदेश देने की को‌शिश की गई कि सक्रिय राजनीति में उनके प्रवेश को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2017 में इसी तरह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप को जन्मदिन की बधाई देने वाले पोस्टर से शहर को भर दिया गया था।

मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव  

सागर जिले के विधायक और कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव 2014 में ही सागर से अपने बेटे अभिषेक भार्गव को चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था. इस बार गोपाल भार्गव भी चाहते हैं कि उनका बेटा विधानसभा का चुनाव लड़े

सुमित्रा महाजन के बेटे मंदार महाजन

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनके छोटे बेटे मंदार महाजन राजनीति में सक्रिय हैं. सुमित्रा महाजन की उम्र 75 साल हो रही है। साल के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मंदार महाजन सियासी पारी का आगाज कर सकते हैं। इंदौर लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से एक सीट पर चुनाव लड़ने की संभावना है।

कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन

कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन और जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा बिसेन की बेटी हैं मौसम बिसेन। 2014 में बालाघाट लोकसभा से टिकट हासिल करने की भरसक कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

मंत्री गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार 

वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित मैकेनिकल इंजीनियर हैं, पर आजकल रायसेन जिले के ग्राम बारला में खेती-बाड़ी कर रहे हैं। खेती से समय निकाल कर मुदित पिता के चुनावी क्षेत्र में लोगों से मिल रहे हैं। पांच जनवरी को जब एकात्म यात्रा ने जिले में प्रवेश किया, मुदित ने चरण पादुका पूजन करने के बाद उसे सिर पर उठाकर यात्रा की और सभा को संबोधित कर लोगों से सेवा करने का आशीर्वाद मांगा। ऐसे में मुदित यदि चुनाव लड़ते दिखें तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए।

पूर्व सीएम बाबूलाल गौर की बहु कृष्णा गौर 

पूर्व सीएम बाबूलाल गौर की उत्तराधिकारी कोई और नहीं बल्कि उनकी अपनी बहू कृष्णा गौर हैं। बाबूलाल गौर ने आपाधापी में बहु कृष्णा गौर को मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया था। 

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