उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के साथ जो हुआ वह सभी नेताओं के लिए चेतावनी

uttarakhand issue is warning for all leaders
मनोज झा । Jul 6 2018 1:25PM

हमारे देश में नेताओं को जनता किस नजर से देखती है ये बताने की जरूरत नहीं। ज्यादार नेता अपनी कथनी और करनी के चलते लोगों का सम्मान खो चुके हैं। आज नौबत यहां तक आ पहुंची है कि कोई भरी सभा में मुख्यमंत्री को चोर उचक्का कह डालता है।

हमारे देश में नेताओं को जनता किस नजर से देखती है ये बताने की जरूरत नहीं। ज्यादार नेता अपनी कथनी और करनी के चलते लोगों का सम्मान खो चुके हैं। आज नौबत यहां तक आ पहुंची है कि कोई भरी सभा में मुख्यमंत्री को चोर उचक्का कह डालता है। ताजा मामला देहरादून का है जहां जनता दरबार में अपने साथ न्याय नहीं होने पर एक महिला टीचर ने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को चोर उचक्का बोल दिया। 20 सालों से नौकरी कर रही 57 साल की महिला टीचर मुख्यमंत्री के सामने फरियाद लेकर पहुंची थी। जनता दरबार में पहुंची महिला ने सीएम से कहा मेरे पति की मौत हो चुकी है, घर पर बच्चों को देखने वाला कोई नहीं...आप मेरा अपने शहर में तबादला कर दीजिए। इससे पहले की महिला अपनी बात पूरी करती सीएम साहेब पूछ बैठे...जब नौकरी की थी तो क्या लिखकर दिया था? फिर क्या था महिला टीचर अपना गुस्सा नहीं रोक पाई और उसने सबके सामने हंगामा खड़ा कर दिया...और तो और उसने सीएम को चोर उचक्का बता दिया...अब मुख्यमंत्री भी कहां रुकने वाले थे...उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से महिला को फौरन सस्पेंड कर हिरासत में लेने का आदेश सुना दिया।

वैसे बाद में महिला को हिरासत से तो रिहा कर दिया गया...लेकिन जनता दरबार में चले इस ड्रामे की तस्वीर हर जगह वायरल हो गई। इस वीडियो को जिसने भी देखा वो हैरान रह गए। जनता दरबार में महिला टीचर ने सीएम के साथ जो व्यवहार किया मैं उसका समर्थन नहीं करता...लेकिन सवाल उठता है कि आखिर ऐसी नौबत ही क्यों आई? क्या इससे पहले किसी महिला टीचर का तबादला नहीं किया गया, अगर सीएम महोदय संयम बरतते हुए परेशान महिला टीचर की बात सुन लेते तो क्या हो जाता? जनता दरबार में मुख्यमंत्री के पास फरियाद लेकर वही लोग पहुंचते हैं जो परेशान होते हैं...महिला टीचर को जब लगा कि उसके साथ इंसाफ नहीं हो रहा तभी वो मुख्यमंत्री के पास पहुंचीं थी। 

जनता दरबार में अपने साथ हुई इस घटना से सीएम साहेब पूरी तरह उबरे भी नहीं थे कि दो दिन बाद फिर एक महिला ने उनकी जमकर फटकार लगाई। धूमाकोट में हुए बस हादसे के बाद जैसे ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री घटनास्थल पर पहुंचे एक महिला उनके सामने आ गई। गुस्साई महिला ने अधिकारियों की मौजूदगी में सीएम से कहा, “यहां से भाग जाओ नहीं तो पत्थर मारकर भगा देंगे”। महिला ने गुस्से में कहा तुम सीएम तो बन जाते हो लेकिन तुम्हें जनता की कोई चिंता नहीं होती।

उत्तराखंड के सीएम के साथ हुई ये दो घटनाएं सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकीं हैं...कोई इन महिलाओं की पीठ थपथपा रहा है तो कोई इन्हें सच बोलने के लिए शाबासी दे रहा है। हमें लगता है कि अब नेताओं को भी ये मालूम चल गया होगा कि आखिर उनके प्रति लोगों में गुस्सा क्यों हैं? जब कुछ साल पहले नेताओं पर जूता और चप्पल फेंकने का मामला सामने आने लगा था तो कई नेता पीसी करने से भी डरने लगे थे। केजरीवाल से जुड़ा थप्पड़ कांड भला कौन भुला सकता है? 

जनता के बीच पहुंचे केजरीवाल को दिल्ली में एक ऑटो वाले ने सरेमाम चांटा रसीद कर दिया था...इस घटना से आहत केजरीवाल अहिंसा का संदेश लेकर दिन भर राजघाट पर बैठे रहे। 

मुझे लगता है कि कहीं न कहीं इस पूरे मामले के लिए खुद नेता ही जिम्मेदार हैं। आज देश में ज्यादतर नेताओं की छवि इतनी खराब हो चुकी है कि उन्हें कोई सम्मानित नजर ने नहीं देखता। देश की जनता संसद से लेकर सड़क तक नेताओं का रवैया देख रही है। सिस्टम से तंग आ चुके लोग अब नेताओं से हिसाब मांग रहे हैं...लेकिन अफसोस उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन नेताओं को ये जान लेना चाहिए कि अब जमाना बदल गया है...आज अगर उनकी लापरवाही से कहीं पुल टूटता है तो जनता चुप नहीं बैठेगी। आज सोशल मीडिया का बोलबाला है...यूपी-बिहार से दूर दिल्ली में बैठा शख्स आज फेसबुक के जरिए ये जान जाता है कि उसके गांव में क्या हो रहा है।

आज अगर कोई महिला उत्तराखंड के सीएम को चोर उचक्का बोल रही है कल कोई शख्स बिहार के सीएम पर भड़ास निकालेगा....परसों ममता किसी के निशाने पर होंगी। हम तो यही कहेंगे कि आगे किसी नेता की सरेआम किरकिरी ना हो इससे पहले वो सुधर जाएं। अगर समय रहते नेताओं ने खुद को नहीं बदला तो आने वाला समय उनके लिए घातक हो सकता है।

मनोज झा

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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