जलवायु-अनुकूल इमारतों के लिए नवोन्मेषी डिजाइन पेश करने वाले छात्रों को पुरस्कार

Solar Decathalon India
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विजेताओं को बधाई देते हुए, केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने COP26 बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत किए गए पंचामृत जलवायु एजेंडा को याद किया, जिसमें वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को वर्ष 2021 के लिए ‘सोलर डेकैथलॉन इंडिया नेट-जीरो बिल्डिंग चैलेंज’ अवार्ड प्रदान किया। ‘सोलर डेकैथलॉन इंडिया’ इमारतों एवं निर्माण क्षेत्र के लिए अभिनव, नेट-ज़ीरो ऊर्जा और जलवायु-अनुकूल समाधान विकसित करके जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए भारतीय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए एक वार्षिक प्रतियोगिता है। उल्लेखनीय है कि इमारतों एवं निर्माण क्षेत्र का वैश्विक कार्बनडाईऑक्साइड उत्सर्जन में 38 प्रतिशत योगदान होने का अनुमान है। 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र टीमों को भविष्य की आवश्यकताओं के लिए अभिनव एवं किफायती भवन समाधान विकसित करने में सक्षम बनाना है। इस पहल के अंतर्गत प्रतिभागियों को उद्योगों के साथ साझेदारी करके वास्तविक निर्माण परियोजनाओं के लिए लचीले, नेट-ज़ीरो-ऊर्जा एवं नेट-ज़ीरो-वाटर भवनों को डिजाइन करना होता है। इस प्रतियोगिता में प्रविष्टियों का मूल्यांकन जिन मानदंडों पर किया जाता है, उनमें ऊर्जा एवं जल के किफायती उपयोग के साथ-साथ लचीलापन, वहनीयता, नवाचार, विस्तार की क्षमता, बाजार मूल्य, स्वास्थ्य, वास्तुशिल्प, और इंजीनीयिरिंग जैसे मापदंड शामिल हैं।

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ये पुरस्कार छह श्रेणियों में प्रदान किए गए हैं। सामुदायिक लचीलापन आश्रयों पर आधारित पहली श्रेणी में, आईआईटी, रोपड़ की टीम को पुरस्कार प्रदान किया गया है, और डॉ. भानुबेन नानावती कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, पुणे की एक टीम उप-विजेता रही। दूसरी श्रेणी में, जो ऑनसाइट निर्माण श्रमिकों के लिए आवास से संबंधित थी, जामिया मिलिया इस्लामिया की टीम विजेता रही, और रचना संसद की ऑर्किटेक्चर अकादमी की एक टीम उप-विजेता रही। तीसरी श्रेणी में, जो कार्यालय भवनों से संबंधित थी, के लिए आर.वी. कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर की टीम को विजेता के रूप में चुना गया, जबकि स्कूल ऑफ प्लानिंग ऐंड आर्किटेक्चर, विजयवाड़ा की टीम उप-विजेता थी। प्रतियोगिता की चौथी श्रेणी- एकल परिवारों के लिए आवास के लिए एसएमईएफ ब्रिक स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की एक टीम विजेता रही, और आर.वी.कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर की टीम उप-विजेता रही। इस प्रतियोगिता की पाँचवीं श्रेणी, जिसमें शैक्षिक भवनों को शामिल किया गया था, विजेता और उप-विजेता दोनों स्कूल ऑफ प्लानिंग ऐंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली से जुड़े थे। बहु-परिवार आवास से संबंधित श्रेणी के अंतर्गत जवाहरलाल नेहरू वास्तुकला और ललित कला विश्वविद्यालय की टीम को विजेता, और इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड मैनेजमेंट, कोलकाता की टीम को उप-विजेता के रूप में पुरस्कृत किया गया है। 

विजेताओं को बधाई देते हुए, केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने COP26 बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत किए गए पंचामृत जलवायु एजेंडा को याद किया, जिसमें वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने यह आशा व्यक्त की है कि छात्रों द्वारा प्रस्तुत नवीन विचार कागजों में न रहकर धरातल पर साकार होंगे। उन्होंने कहा स्टार्टअप शुरू करना ही काफी नहीं है, बल्कि लंबी अवधि के लिए सक्षम बने रहने की भी जरूरत है।

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इस संबंध में, उन्होंने रियल एस्टेट डेवलपर्स, बिल्डरों, उद्योग और शिक्षाविदों को एक साथ काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को समाज के समग्र कल्याण के लिए अपने अनुभव, विशेषज्ञता और संसाधनों को पूल और तालमेल करने की आवश्यकता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर ने आशा व्यक्त की कि ‘सोलर डेकैथलॉन इंडिया’ बड़े पैमाने पर भवन उद्योग को लाभ पहुँचाने की दिशा में नवाचार की संस्कृति के निर्माण में एक लंबा सफर तय करेगा। 

सोलर डेकैथलॉन इंडिया; इंडो-यूएस साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी फोरम (IUSSTF) और अमेरिकी ऊर्जा विभाग के सहयोग एवं समझौता-ज्ञापन पर आधारित है। इसका आयोजन एलायंस फॉर एन एनर्जी-एफिशिएंट इकोनॉमी (AEEE) और इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स (IIHS) द्वारा आयोजित किया जाता है। 

(इंडिया साइंस वायर)

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