इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2021 के लिए उलटी गिनती शुरू

IISF 2021

विज्ञान महोत्सव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक पहल है, जो विज्ञान भारती के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। विज्ञान भारती, देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों के नेतृत्व में स्वदेशी भावना के साथ संचालित होने वाला एक विज्ञान आंदोलन है।

भारतीय विज्ञान की विभिन्न उपलब्धियों का उत्सव मनाने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित भविष्य के भारत के निर्माण का रोडमैप तैयार करने के लिए 10 से 13 दिसंबर तक पणजी, गोवा में आयोजित होने जा रहे चार दिवसीय 7वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2021 की उलटी गिनती शुरू हो गई है।

यह उत्सव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक पहल है, जो विज्ञान भारती के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। विज्ञान भारती, देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों के नेतृत्व में स्वदेशी भावना के साथ संचालित होने वाला एक विज्ञान आंदोलन है। इसका मुख्य उद्देश्य आम आदमी को विज्ञान के साथ आनंदमय और मनोरंजक तरीके से जोड़ना है। कार्यक्रम के दौरान आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे आम लोगों और वैज्ञानिक बिरादरी को एक मंच पर साथ आने का अवसर मिलता है।

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इस विज्ञान महोत्सव की यात्रा वर्ष 2015 में दिल्ली में शुरू हुई थी। इस वार्षिक आयोजन की जिम्मेदारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों को बारी-बारी में दी जाती है। इस वर्ष नोडल एजेंसी के रूप में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पास आयोजन की जिम्मेदारी है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के साथ संयुक्त रूप से काम कर रहा है। यह विज्ञान महोत्सव गोवा सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

यह आईआईएसएफ का 7वाँ संस्करण होगा, जो कोरोना के प्रकोप को देखते हुए हाइब्रिड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) रूप में 10-13 दिसंबर, 2021 को गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित किया जा रहा है।

इस वर्ष की विषयवस्तु 'सेलिब्रेटिंग क्रिएटिविटी इन साइंस' है। इस विज्ञान महोत्सव में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एक्सपो सहित 12 कार्यक्रम शामिल होंगे। जैसा कि देश अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, सभी कार्यक्रम 'आजादी का अमृत महोत्सव' की भावना और विचार को प्रतिबिंबित करेंगे।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि "इस चार दिवसीय आयोजन का एक प्रमुख जोर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नये भारत के दृष्टिकोण,  के अनुरूप एक रोडमैप तैयार करने पर होगा।"

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डॉ सिंह ने कहा कि यह विज्ञान उत्सव पूरे भारत के युवा छात्रों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को ज्ञान एवं विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करेगा'। यह पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान', स्वस्थ भारत अभियान', 'मेक इन इंडिया', 'डिजिटल इंडिया', 'स्मार्ट विलेज', 'स्मार्ट सिटीज', 'नमामि गंगे', 'उन्नत भारत अभियान' जैसे केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को भी रेखांकित करेगा। 

उन्होंने कहा कि विज्ञान केवल शोध का विषय नहीं है, बल्कि इसने उत्सव के आयामों को ग्रहण कर लिया है और युवाओं को प्रेरित करने के लिए भारत के हर शहर और गाँव में विज्ञान उत्सव मनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक नवाचार के साथ मिश्रित विज्ञान आम आदमी के जीवन को आसान बनाता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव के.एन. व्यास, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे, विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ. विजय भाटकर और विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव जयंत सहस्रबुद्धे आज के कार्यक्रम में शामिल थे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन चेयरमैन डॉ. सिवन और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। 

(इंडिया साइंस वायर)

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